चावल के लिए अब एक रुपए भी नहीं देना होगा, जानें- सरकार की नई स्कीम

फटाफट डेस्क. तेलंगाना सरकार ने बीपीएल कार्ड धारकों को इस महीने से अगले एक साल तक मुफ्त 5 किलो चावल देने का एलान किया है। इस योजना का लाभ गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) रहने वाले 9.1 मिलियन लोगों को मिलेगा। राज्य नागरिक आपूर्ति आयुक्त अनिल कुमार ने गुरुवार को इसको लेकर आदेश जारी कर दिया है।

विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, बीपीएल उपभोक्ताओं को मुफ्त चावल आपूर्ति शनिवार से शुरू हो जाएगी। राज्य सरकार का यह फैसला केंद्र सरकार के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत 5 किलो चावल की मुफ्त आपूर्ति के फैसले के समान है। वर्तमान में, केंद्र सरकार तेलंगाना में 1.91 करोड़ बीपीएल उपभोक्ताओं में से प्रत्येक को 5 किलो चावल की आपूर्ति कर रही है, जिसमें 17.6 मिलियन एनएफएस कार्डधारक और 155,500 अंत्योदय अन्न योजना कार्ड धारक शामिल हैं। केंद्र के ताजा आदेश के मुताबिक मुफ्त चावल आपूर्ति योजना इस साल दिसंबर तक जारी रहेगी।

केंद्र सरकार द्वारा दिए जा रहे 5 किलो चावल के अलावा, तेलंगाना सरकार इन लाभार्थियों को एक किलोग्राम चावल अतिरिक्त दे रही है। अब प्रत्येक उपभोक्ता को हर महीने छह किलोग्राम चावल मुफ्त में दिया जाएगा। आपकों बता दें केंद्र सरकार की योजनाओं के तहत कवर किए गए लाभार्थियों के साथ, राज्य सरकार भी उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से रुपये1 प्रति किलो की दर से बीपीएल के तहत चिन्हित 9.1 मिलियन से अधिक उपभोक्ताओं को छह किलोग्राम चावल की आपूर्ति कर रही थी।

इस महीने से, तेलंगाना सरकार ने राज्य में बीपीएल उपभोक्ताओं के रूप में पहचाने गए 91.69 लाख लाभार्थियों को मुफ्त में चावल की आपूर्ति करने का फैसला किया है। अब सरकार लाभार्थियों से रुपये 1 भी नहीं वसूलेगी। हालांकि, राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि छह किलोग्राम चावल के बजाय, केंद्र सरकार और राज्य सरकार की योजनाओं के तहत इन सभी लाभार्थियों को पांच किलोग्राम चावल मुफ्त में दिया जाएगा।

केंद्र सरकार की योजनाओं राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम या अंत्योदय अन्न योजना के लाभार्थियों को पांच किलोग्राम चावल की आपूर्ति की जाएगी, जैसा कि केंद्र द्वारा राज्य से अतिरिक्त एक किलोग्राम चावल के बिना दिया जा रहा है। इसी तरह, राज्य सरकार के पीडीएस के लाभार्थियों को भी छह किलोग्राम के बजाय पांच किलोग्राम चावल मिलेगा, लेकिन एक रुपये प्रति किलो के भुगतान बजाय मुफ्त में मिलेगा।