इस वजह से धंसने लगा जोशीमठ, जानिए इसके पीछे की असल वजह

जोशीमठ. उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले का एक नगर जो हिंदुओं का प्रसिद्ध ज्योतिष पीठ हैं। अब यह संकट में आ चुका है, यहां स्थित 600 मकाने अचानक से धंसने लगी है। 70 से अधिक परिवार को यहां से निकाला जा चुका है। एक्सपर्ट का मानना है कि मठ का जल भंडार खाली होने के कारण यह जमीन धंसने लगी है। तकरीबन 6 करोड़ लीटर पानी बह गया, जिसके कारण से पहाड़ खोखला हो गया और अब यह जोशीमठ धंसने लगा। एक्सपर्ट मान रहे हैं की मठ के नीचे की जमीन पानी खाली होने के कारण पूरी तरह से सूख गई है, इसके कारण ही जोशी मठ धंस रहा है।

जोशीमठ धंसने की असल वजह

जोशीमठ में विष्णुगढ़ हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट के अंदर बन रही सुरंग इसकी असल वजह हैं। जहां 14 फरवरी 2005 को धौली गंगा नदी के पास हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी एनटीपीसी के हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट पर काम शुरू हुआ, लेकिन साल 2013 में उत्तराखंड में बड़ी आपदा आई थी। जिसके बाद सरकार और एनटीपीसी समझौता टूट गया, लेकिन सुरंग बनाने का काम जारी रहा, बाद में इस सुरंग से लगभग 6 करोड़ लीटर पानी बहता चला गया और सुरंग खोखली होती चली गयी।

बताया जाता है कि इसी जगह पर 1000 साल पहले भूस्खलन हुआ था। पहाड़ों के टूटने के कारण इकट्ठा हुए मलबे से इस शहर को बसाया गया था, इसके धंसने के पीछे की यह भी थी, दूसरा वजह यह भी था क्योंकि यह पहाड़ी की ढलान पर बसा हुआ एक शहर है, चारों ओर नदियों से घिरा हुआ है। यहां की आबादी बढ़ती चली गई तो जमीन पर दबाव बढ़ता चला गया और आसपास कंस्ट्रक्शन का काम बढ़ता चला गया। इसके कारण ही दरारे आने लगी। पहले भी तबाही की चेतावनी दी जा चुकी थी। कंस्ट्रक्शन पर रोक लगाने की बात भी कही गई थी, आखिरकार अब इसका धंसना शुरू हो गया है।