उज्जैन. कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा को कौन नही जानता। पूरे देशभर में उनके भक्त मौजूद हैं। अपने कथा से भक्तों को मंत्रमुग्ध कर देने वाले पंडित प्रदीप मिश्रा का पुतला दहन किया जा रहा है। आखिर ऐसी कौन सी वजह है जिसके कारण प्रदीप मिश्रा का पुतला दहन किया गया आइये आपको बताते हैं। धार्मिक नगरी उज्जैन (Ujjain) में पंडित प्रदीप मिश्रा (Pandit Pradeep Mishra) की कथा के समापन अवसर पर कुछ लोगों ने पुलिस कंट्रोल रूम के पास पंडित प्रदीप मिश्रा का पुतला जलाया। इसके अलावा उन्होंने उज्जैन एसपी के नाम ज्ञापन सौंपकर पंडित प्रदीप मिश्रा पर एफआईआर (FIR) दर्ज करने की भी मांग की है।
पंडित प्रदीप मिश्रा ने संविधान संशोधन कर हिंदू राष्ट्र की मांग की
उज्जैन में सोमवार को पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा का समापन हुआ। जब पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा का समापन चल रहा था उस दौरान पुलिस कंट्रोल रूम के पास बाबा साहब अंबेडकर के कुछ समर्थकों ने डाॅ. अंबेडकर विद्यार्थी संगठन के बैनर तले प्रदर्शन करते हुए पंडित प्रदीप मिश्रा का पुतला दहन कर दिया। प्रदर्शनकारी राम सोलंकी के मुताबिक पंडित प्रदीप मिश्रा ने पूर्व में भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने और संविधान में परिवर्तन करने की मांग उठाई थी। संविधान में परिवर्तन करने की मांग गलत है। इसी के चलते पंडित प्रदीप मिश्रा का पुतला दहन किया गया है।
इसके अलावा उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग भी की गई है। एक मीडिया रिपोर्ट में राम सोलंकी के मुताबिक भारत का संविधान बाबासाहेब अंबेडकर ने सामाजिक परिस्थिति और सर्वहित को देखते हुए बनाया है। इसमें परिवर्तन की कोई आवश्यकता नहीं है। पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा उठाई जा रही मांग गलत है। इसी के चलते उनके खिलाफ प्रदर्शन किया गया है।
प्रदर्शनकारी धर्मेंद्र सोलंकी, दूले सिंह ने कहा है कि यदि उनकी मांग मंजूर नहीं हुई और पंडित प्रदीप मिश्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करते हुए उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया तो आंदोलन आगे भी जारी रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि पंडित प्रदीप मिश्रा को कथा का वाचन करने का पूरा अधिकार है मगर वह बाबा साहब अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान में छेड़छाड़ की जाने की मांग नहीं उठा सकते हैं। इसी मांग को लेकर प्रदर्शनकारियों को ऐतराज है। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस अधीक्षक के नाम नगर पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन भी सौंपा।