लखनऊ। उत्तर प्रदेश के 17 जिलों के 700 से अधिक गांव बाढ़ से प्रभावित हैं और पिछले 24 घंटों में बारिश से जुड़ी घटनाओं में 11 लोगों की मौत हुई है। उत्तर प्रदेश राहत विभाग के अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि बृहस्पतिवार को शाम साढ़े छह बजे से लेकर शुक्रवार को शाम साढ़े छह बजे तक छह लोगों की डूबने, दो लोगों की आकाशीय बिजली गिरने और दो लोगों की सर्पदंश से मौत हुई। उन्होंने बताया कि एक व्यक्ति की बाढ़ से जुड़ी एक अन्य घटना में मौत हो गई।
24 घंटे में औसतन 7.5 मिमी बारिश
अधिकारियों ने बताया कि उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटों में औसतन 7.5 मिमी बारिश हुई है। उन्होंने बताया कि भारी बारिश से कई नदियों में जलस्तर बढ़ गया जिससे 17 जिलों के 732 गांवों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई। उन्होंने कहा कि शाहजहांपुर और बरेली जैसे कुछ स्थानों पर नगरीय क्षेत्रों में भी बाढ़ की स्थिति बन गई है। उन्होंने कहा कि शाहजहांपुर में सड़क का एक बड़ा हिस्सा जलमग्न होने से लखनऊ-बरेली राजमार्ग पर सड़क यातायात प्रभावित हुआ है और इसी तरह के हालात बरेली जिले में भी हैं।
राहत आयुक्त नवीन कुमार ने कहा, ‘‘एनडीआरएफ और एसडीआरएफकी टीम प्रभावित इलाकों में बाढ़ से जुड़ी समस्याओं से निपटने के लिए स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित कर रही हैं। हमने प्रभावित इलाकों में बाढ़ राहत शिविर स्थापित किए हैं।’’ उन्होंने कहा कि इन शिविरों में ठहरे लोगों को खाद्य सामग्री के साथ ही मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं।
शाहजहांपुर में कई कालोनियां जलमग्न
शाहजहांपुर जिले में गर्रा और खनौत नदियों में आई बाढ़ के चलते यहां कॉलोनियों के घरों में कई फीट तक पानी भर गया है एवं कई लोग अब भी दूसरी मंजिल पर फंसे हुए हैं। हालांकि प्रशासन का दावा है कि उनकी टीम लगातार बाढ़ में फंसे लोगों को निकाल कर राहत केंद्रों में पहुंचा रही है। बाढ़ में फंसे लोगों का दावा है कि प्रशासन द्वारा कोई पूर्व सूचना नहीं दिए जाने से यह संकट पैदा हुआ, अन्यथा वे पहले ही सुरक्षित जगहों पर चले जाते। पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा ने बताया कि गर्रा और खनौत नदी में आई बाढ़ के चलते अजीजगंज पुलिस चौकी क्षेत्र में बरेली मोड़ पर लखनऊ-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर काफी पानी आने के चलते दोपहिया एवं छोटे वाहनों का प्रवेश रोक दिया गया है।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा जहां पर भी बाढ़ की स्थिति है वहां पर पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं और पुलिस बाढ़ में फंसे हुए लोगों को निकाल रही है। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों को निर्देश दिए गए हैं कि कॉलोनियों में बाढ़ के चलते दूसरी मंजिल पर डेरा डाले लोगों को आवश्यकतानुसार ज़रूरी सामग्री पहुंचाई जाए। मीणा ने बताया कि इसके अलावा एनडीआरएफ की टीम भी लगातार बाढ़ में फंसे हुए लोगों को निकाल रही है और बरेली मोड़ के अलावा हरदोई जाने वाले मार्ग पर भी पुलिस बलों को तैनात किया गया है। अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) संजय कुमार पांडे ने बताया कि आवास विकास कॉलोनी, साउथ सिटी, प्रताप एनक्लेव, सिटी पार्क आदि में बाढ़ का पानी भर जाने के बाद उसमें फंसे लोगों को सुरक्षित निकाला गया है।
हालात पर नजर बनाए हुए हैं डीएम और एसपी
उन्होंने बताया कि प्रशासन द्वारा नगर में पांच बाढ़ राहत शिविर बनाए गए हैं जिनमें बाढ़ में फंसे लोगों को निकाल कर पहुंचाया गया है और बाढ़ नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया गया है। उनके अनुसार जिलाधिकारी उमेश प्रताप सिंह और पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और क्षेत्र का दौरा भी कर रहे हैं। राजकीय मेडिकल कॉलेज के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर नेपाल सिंह ने बताया कि उनके मेडिकल कॉलेज के वार्डों में कई फीट तक पानी भरने से मरीजों को ‘स्ट्रेचर’ पर वरुण अर्जुन मेडिकल कॉलेज और एक निजी अस्पताल में ले जाया गया है। उनके मुताबिक बाढ़ के पानी से ‘सीटी स्कैन डायलिसिस’ केंद्र में कई फीट पानी होने के कारण मशीनों के खराब होने का भी खतरा बना हुआ है। ‘स्वामी सुखदेवानंद पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज’ के प्राचार्य डॉ राकेश कुमार आजाद ने बताया कि उनके पूरे मुमुक्ष आश्रम कैंपस में बाढ़ का पानी कई फीट तक भरा हुआ है तथा भूतल पर लाइब्रेरी, बीएड विभाग तथा वाणिज्य विभाग में पानी भर जाने के कारण काफी नुकसान हुआ है। स्थानीय निवासी अभय कुमार सिंह ने बताया की बाढ़ आने की कोई पूर्व सूचना प्रशासन ने नहीं दी जिसके चलते यहां के लोग समय रहते सुरक्षित स्थान पर नहीं जा सके।