नई दिल्ली
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 119वीं जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे जुड़ी 100 फाइलों को सार्वजनिक कर दिया है। नेताजी से जुड़ी इन 100 फाइलों को पहली बार सार्वजनिक किया गया है।
प्रधानमंत्री ने पिछले साल अक्टूबर में नेताजी के परिजनों से मुलाकात के दौरान कहा था कि इस स्वतंत्रता सेनानी से जुड़ी फाइलों को वे सार्वजनिक करेंगे।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार सुबह नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उनसे जुड़े दस्तावेजों का खुलासा शनिवार से शुरू होगा।
मोदी ने एक ट्वीट में कहा, ‘आज हम सभी भारतीयों के लिए एक खास दिन है। नेताजी से जुड़े दस्तावेजों का खुलासा शनिवार से शुरू हो जाएगा। इसके लिए मैं खुद भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार जाऊंगा।’
एक अन्य ट्वीट में पीएम मोदी ने कहा, ‘नेताजी सुभाष चंद्र बोस को उनकी जयंती पर याद कर रहा हूं। उनकी बहादुरी और देशभक्ति ने उन्हें भारतीयों की सभी पीढ़ियों में लोकप्रिय बनाया है।’
सरकार ने स्वतंत्रता सेनानी से जुड़े दस्तावेजों के खुलासे का फैसला किया है। भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार ने इन दस्तावेजों को डिजिटल रूप दिया है।
इस संबंध में केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ‘इन दस्तावेजों के खुलासे से जनता की दीर्घकालिक मांगें पूरी होंगी और शोधकर्ताओं को भविष्य में नेताजी पर शोध में मदद मिलेगी।’
पीएम मोदी ने नेताजी के रिश्तेदारों से 23 जनवरी को नेताजी से जुड़ी फाइलों को डिक्लासिफाइड किए जाने का वादा किया था। इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 64 फ़ाइलों को सार्वजनिक कर दिया था। इसके बाद केंद्र के पास रखी फ़ाइलों को भी सार्वजनिक करने की मांग तेज हो गई थी। यही नहीं इससे नेताजी की मौत की सच्चाई देश के सामने आ सकती है।
राष्ट्रीय अभिलेखागार को 1997 में रक्षा मंत्रालय की ओर से आजाद हिंद फौज से संबंधित 990 दस्तावेज प्राप्त हुए थे, जिसकी स्थापना नेताजी ने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान ब्रिटिश भारतीय सेना के खिलाफ की थी।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और कभी महात्मा गांधी के करीबी सहयोगियों में से एक रहे बोस के बारे में बताया जाता है कि उनका निधन 1945 में फॉरमोसा (अब ताइवान) में एक विमान दुर्घटना में हुआ था, जो अब भी एक रहस्य है। बोस का जन्म 23 जनवरी, 1897 में ओडिशा के कटक में हुआ था।