नई दिल्ली. देश की पहली रैपिड रेल इस साल मार्च से पटरियों पर दौड़ने लगेगी. पहले फेज में इस साल मार्च से गाजियाबाद के दुहाई डिपो से साहिबाबाद तक रैपिड रेल चलेगी. रेपिड रेल की स्पीड 180 किलोमीटर प्रतिघंटा होगी. पहले फेज में कुल 4 स्टेशन हैं, जिसमें साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, और दुहाई डिपो शामिल हैं. केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने कौशांबी में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 कार्यक्रम में यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि पहले चरण में 17 किलोमीटर ट्रैक का काम पूरा कर लिया गया है. इस पर ट्रेन चलेगी. वहीं, इस साल के अंत तक 40 किलोमीटर ट्रैक पर रैपिड रेल दौड़ने लगेगी. इसके लिए युद्ध स्तर पर काम चल रहा है.
दिल्ली के सराय काले खां से मेरठ तक रैपिड रेल नेटवर्क तैयार करने का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है. यह काम तीन चरणों में पूरा होगा. पहले फेज में गाजियाबाद के दुहाई डिपो से साहिबाबाद तक रैपिड रेल चलेगी. दूसरे फेज का भी काम चल रहा है. जिसमें साहिबाबाद से मेरठ तक का रूट फाइनल हो रहा है. इस ट्रैक पर मार्च 2024 तक संचालन शुरू हो जाएगा. तीसरा चरण 2025 तक पूरा होगा. इस चरण में दिल्ली के सराय काले खां से मोदीपुरम डिपो तक रैपिड ट्रेन दौड़ने लगेगी.
हवा से बातें करती है रैपिड रेल
रैपिड ट्रेन में हवाई जहाज जैसी सुविधाएं होंगी. इसकी गति 180 किलोमीटर प्रतिघंटा है. रैपिड रेल शुरू होने से दिल्ली से मेरठ की दूरी की यात्रा का समय एक घंटा कम हो जाएगा और यह दूरी तय करने में सिर्फ 50 मिनट लगेंगे. केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने कहा कि गाजियाबाद को मेडिकल हब बनाया जा रहा है. अमेरिका का एक ग्रुप गाजियाबाद में मेडिसिटी बनाना चाह रहा है. देश की पहली रैपिड मेट्रो रेल और बेहतर रेल नेटवर्क गाजियाबाद में मौजूद है. उन्होंने कहा कि गाजियाबाद को कानपुर फ्रेट कॉरिडोर से जोड़ा जाएगा.
82 किमी लंबे कॉरिडोर में बनेंगे 2890 पिलर
रैपिड रेल के 82 किमी लंबे रूट पर 2890 पिलर बनेंगे. इन पिलर्स पर ही यह रेल दौड़ेगी. 41 किलोमीटर ट्रैक पर 1700 पिलर बन चुके हैं. रैपिड ट्रेन 6 सुरंगों से भी गुजरेगी. इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में करीब 15 हजार मजदूर और हजार से ज्यादा इंजीनियर लगे हुए हैं. इस पूरे रूट पर कुल 25 स्टेशन होंगे. रूट का पहला स्टेशन दिल्ली में सराय काले खां और आखिरी स्टेशन मेरठ का मोदीपुरम डिपो होगा.