भोपाल. लोकसभा चुनाव 2024 संपन्न हो चुका हैं और एक बार फिर जनता ने एनडीए को सरकार बनाने का मौका दिया है। यानी एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की बहुमत वाली सरकार बनती नजर आ रही है। पर इस बार मोदी के मंत्रिमंडल में कई सारे बदलाव भी देखने को मिल सकते हैं। इसे लेकर कयासबाजी जोरों पर है, कारण है कि यहां दावेदारों की लिस्ट काफी लंबी है। इसी को लेकर मध्यप्रदेश में भी ढ़ेरों नेता है जो इस बार मंत्री बनने का सपना देख रहे हैं।
इस बार मिलेगा शिवराज सिंह को मौका?
प्रदेश की जनता ने लोकसभा चुनाव में बीजेपी का भरपूर साथ दिया है। यही कारण है कि प्रदेश की सभी 29 सीटों पर बीजेपी के प्रत्याशियों को जीत मिली है। ऐसे में इस बार सांसद बनने वालों में करीब आधा दर्जन ऐसे नेता हैं जो मंत्री बनने का दावा ठोकते नजर आ रहे हैं। देखा जाए तो सबसे बड़ा दावा पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का बनता है। शिवराज छठी बार सांसद बने हैं। इससे पहले वे तीन बार राज्य के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। साथ ही संगठन में भी शिवराज सिंह चौहान बड़ी जिम्मेदारी भी निभा चुके हैं।
विष्णु दत्त और ज्योतिरादित्य सिंधिया भी लिस्ट में
प्रदेश से दूसरे बड़े दावेदार गुना से सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया हैं। वह बीजेपी से पहली बार लोकसभा के सांसद चुने गए हैं। पर लोकसभा उम्मीदवार के तौर पर ज्योतिरादित्य की यह पांचवीं जीत है। बता दें कि साल 2019 में वह कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर चुनाव हार गए थे। प्रदेश में BJP को मिली बड़ी सफलता का श्रेय संगठन को माना जा रहा है। इसी के साथ प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा भी दूसरी बार बड़े अंतर से खजुराहो से सांसद चुने गए हैं। उनका अध्यक्ष का कार्यकाल पहले ही खत्म हो चुका है और वह पहले से ही एक्सटेंशन पर हैं। इस आधार को देखा जाए तो मोदी कैबिनेट में शर्मा को भी जगह मिलने की उम्मीद है।
रेस में ये भी नाम
इसके अलावा, अनुसूचित जनजाति कैटेगरी से बड़ा दावा फग्गन सिंह कुलस्ते का है जो 7वीं बार मंडला से सांसद बने हैं और अनुसूचित जाति कैटेगरी से डॉ. वीरेंद्र कुमार मंत्रीमंडल में दावेदारी ठोक रहे हैं। वीरेंद्र कुमार आठवीं बार सांसद बने हैं।
महिला सांसद में रेस में
इस बार प्रदेश से लोकसभा चुनाव में 6 महिलाएं भी सांसद बनी हैं। इनमें 3 रिजर्वेशन कैटेगरी से आती हैं। वहीं, राज्यसभा में भी 2 महिला सांसद राज्य से गईं हैं। कुल मिलाकर राज्य से महिला सांसदों की संख्या 8 है। यही कारण है कि प्रदेश से कम से कम एक महिला को कैबिनेट में जगह मिलने की उम्मीद मानी जा रही है। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि इस बार कैबिनेट में मध्य प्रदेश से ज्यादा प्रतिनिधित्व मिले इसको लेकर शंका है। इसकी बड़ी वजह यह है कि केंद्र में मोदी सरकार सहयोगी दलों के समर्थन से बन रही है और उन पार्टियों को संतुष्ट करना बीजेपी की पहली प्राथमिकता होगी। इससे पहले प्रदेश से 6 सांसद केंद्रीय मंत्री बन चुके रहे हैं, मगर ऐसा इस बार होने की संभावना बेहद कम दिख रही है।
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