फ़टाफ़ट डेस्क : राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में कोरोना वैक्सीन की डोज लेने के बाद एक चिकित्सा अधिकारी सुरेश चंद्र शर्मा की मौत का मामला सामने आया है। हालांकि मौत का कारण वैक्सीनेशन नहीं बताया जा रहा है। बताया जा रहा है कि बीते 16 जनवरी को चित्तौड़गढ़ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी के दफ़्तर में प्रशासनिक काम संभालने वाले अधिकारी सुरेश चंद्र शर्मा की 21 जनवरी को उदयपुर में मौत हो गई। वैक्सीनेसन के बाद एडवर्ड्स इफेक्ट की जाँच करने वाली कमेटी AEFI का कहना है कि मौत की वजह कोरोना की वैक्सीन नहीं है बल्कि हाई ब्लड प्रेशर और ब्रेन हैमरेज है। सुरेश चंद्र शर्मा पहले से किडनी संबंधित समस्याओं से ग्रसित थे।
धीमी गति के वैक्सीनेशन से सरकार परेशान
राजस्थान में कोरोना वैक्सीनेशन की धीमी गति से सरकार पहले से ही परेशान है। वैक्सीनेशन के पहले तीन दिन में वैक्सनेशन का प्रतिशत लगातार कम होता जा रहा है। अभी तक तय लक्ष्य का मात्र 54 प्रतिशत हिस्सा ही वैक्सीनेट हो पाया है। राज्य में तीन दिन के वैक्सीनेशन में करीब 1100 डोज अब तक खराब हो गई हैं। जो कुल डोज का 3.40 प्रतिशत है। डोज खराब होने से रोकने के लिए सरकार ने तय किया है कि कोरोना वैक्सीन को लेकर जारी ऐप में बदलाव कर स्पॉट पर मौजूद टीका लगाने योग्य व्यक्ति को टीका लगा दिया जाएगा।
गहलोत सरकार का बयान
कोरोना वैक्सीनेश की धीमी गति को लेकर गुरुवार को राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि वैक्सीनेशन को लेकर राज्य में स्वास्थ्यकर्मी काफी कम संख्या में आगे आ रहे हैं। दोनों वैक्सीन निर्माता कंपनियों के बीच व्यवसायिक कारणों से हुई बयानबाजी ने भी टीकाकरण पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। उन्होंने स्वास्थकर्मियों से टीकाकरण को लेकर आगे आने की अपील की थी।