बसंत पंचमी के दिन जा रहे महाकुंभ तो घर जरूर लाएं ये शुभकारी चीजें, सुख-समृद्धि की नहीं रहेगी कमी

Maha Kumbh 2025: 12 वर्षों बाद महाकुंभ प्रयागराज के संगम तट पर लगा हुआ है। रोजाना लाखों की संख्या में लोग प्रयागराज के संगम तट पर डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं। मान्यता है कि महाकुंभ के दौरान स्नान-दान करने से मनुष्यों के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मृत्यु पश्चात मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दौरान लोगों को महाकुंभ से शुभ फलदायी वस्तुएं घर जरूर लानी चाहिए, इससे जातक के घर में सुख-समृद्धि की कमी नहीं रहती। आइए जानते हैं क्या लाना होता है बेहद शुभ…

गंगाजल

महांकुभ में तीन नदियों को संगम है। ऐसे में प्रयागराजके इस महाकुंभ से आपको अपने घर के लिए गंगाजल जरूर लाना चाहिए। साथ ही इस बात का बेहद ध्यान रखें कि यह जल प्लास्टिक आदि में न लाएं, इसे तांबे, स्टील आदि के बर्तन ही लाना शुभ रहता है। लाने के बाद इस घर के उत्तर-पूर्व दिशा में रख दें इससे आपके घरों में धन और सुख बना रहेगा।

संगम रेती

कहते हैं कि महाकुंभ में स्नान करने के लिए खुद देव भी नागा साधु का रूप धर धरती पर आते हैं। ऐसे में यहां कि मिट्टी भी बेहद शुभ मानी जाती है। इस कारण जातक को प्रयागराज महाकुंभ के संगम तट से रेत जरूर लाना चाहिए। इसके बाद इस रेत को लाकर मुख्य द्वार के पास रख देना चाहिए। इससे घर में शुभता और सकारात्मकता बनी रहती है। साथ ही इस मिट्टी से बनाए गए शिवलिंग की पूजा करना भी शुभ रहता है।

रुद्राक्ष

प्रयागराज के महाकुंभ से जातक को रुद्राक्ष खरीदकर जरूर लाना चाहिए। इसे दुकान से खरीदने के बाद पवित्र गंगाजल में डुबकी लगवा घर लाना चाहिए, इससे मां गंगा और शिव दोनों प्रसन्न होते हैं और घर में धन-वैभव बना रहता है। इस रुद्राक्ष को गले में धारण करना बेहद शुभ होता है। कहते हैं कि रुदाक्ष धारण करने वाले व्यक्ति के पास अकाल मृत्यु कभी नहीं आती।

शिवलिंग

12 वर्षों बाद लगे इस महाकुंभ से घर पर शिवलिंग जरूर लाना चाहिए। इसे भी खरीदने के बाद संगम तट पर जाकर गंगा में डुबकी लगवाने के बाद घर लाना अत्यंत शुभ रहता है। इसे घर लाने के बाद मंदिर में रखें और नियमित पूजा करें। इस शिवलिंग की नियमित पूजा करने से जातक पर कभी विपत्ति नहीं आती।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। फटाफट न्यूज एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)