पटना। बिहार विधानसभा के अंदर मंगलवार को उस वक्त अफरा-तफरी का माहौल निर्मित हो गया। जब कार्य स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान बीजेपी और आरजेडी विधायकों में मारपीट के हालात हो गए। हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही को 15 मिनट तक स्थागित करनी पड़ी। बताया जा रहा है कि जब नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के मुद्दे पर आरजेडी की ओर से कार्यस्थगन प्रस्ताव लाया जा रहा था, तो बीजेपी विधायकों ने इसका विरोध किया। इसके बाद सदन में हंगामा होने लगा। इस दौरान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भाषण दे रहे थे।
हंगामे के दौरान आरजेडी और बीजेपी के विधायक वेल में आ गए। इस दौरान आरजेडी के विधायक भाई वीरेंद्र और मंत्री प्रमोद कुमार के बीच हुई हाथापाई की नौबत आ गई। दोनों तरफ से विधायक गोलबंद होने लगे तो विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही स्थगित करने की घोषणा कर दी।
सदन से बाहर निकलने के बाद तेजस्वी यादव ने बीजेपी विधायकों पर सदन के अंदर गुंडागर्दी करने का आरोप लगाया। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एनपीआर पर दिए बयान का हवाला देते हुए कहा कि एनपीआर को लेकर नोटिफिकेशन क्यों कराया गया। उन्होंने मुख्यमंत्री पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया। इसके साथ ही नाथू राम गोडसे का भी जिक्र सदन में हुआ। तेजस्वी यादव ने कहा कि गोडसे के लोग हम लोगों से जवाब मांग रहे हैं। एनपीआर पर बहस का कोई सवाल नहीं है।
इसके बाद एनआरसी, एनपीआर और सीएए के विरोध में विपक्षी दलों ने बिहार विधानसभा के बाहर जमकर हंगामा किया। आरजेडी और सीपीआई-माले के विधायकों ने इसके खिलाफ राज्य सरकार को केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजने की मांग की।