राजस्थान के जयपुर में पुलिस ने बेराेजगार युवकों को नौकरी झांसा देकर ठगी करने वाले दो शातिर ठगों को गिरफ्तार किया है। इन शातिर आरोपियों ने करीब तीन हजार युवकों से 80 लाख रुपये की ठगी की है। बेरोजगारों युवको को नौकरी के विज्ञापन देकर अपने झांसे में ले लेते हैं। इसके बाद उनसे लाखों रुपए हड़प लेते हैं। इस मामले में हैरान करने वाली बात तो ये है कि दोनों ठगों ने मृतक चाचा के नाम से बैंक में खाता खुलवा रखा था। चाचा के नाम से ऐड देकर ठगी करते थे। फिलहाल पुलिस दोनों ठगों से शहर में हुई वारदात को लेकर पूछताछ कर रही है।
इस मामले में पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने जयपुर शहर में बेरोजगार युवकों से ठगी करने वाले दो शातिर दिलीप शर्मा और विजेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया है। दोनों ऐसे ही एक मामले में पहले खुद ठगे गए थे। इसके बाद ठगी करने का प्लान बनाया। दिलीप जयपुर के रामगंज में कई नाम बदल कर रहता है। वहीं, विजेंद्र भी बदनपुरा गलतागेट में नाम बदल कर रहता है। उन्होंने बताया कि रिपोर्ट मिलने पर पुलिस ने बैंक खाते खंगाले। दोनों के मोबाइल नंबर की कॉल रिकॉर्ड खंगाली गई। पुलिस ने बैंक के ATM से बार-बार रुपए निकाले जाने पर फुटेज से पहचान की। लोकेशन और फुटेज के आधार पर दोनों को पुलिस ने धरदबोच लिया। जांच में पता लगा कि दोनों ने तीन हजार से ज्यादा युवकों से ठगी की है। साथ ही 80 लाख रुपए बेरोजगार युवकों से नौकरी दिलाने के नाम पर ऐंठ चुके है।
खोह नागोरियान थाने में 14 जुलाई को एक मुकदमा दर्ज हुआ था जिसमें युवक ने बताया कि एक अखबार में 23 अक्टूबर को नौकरी का विज्ञापन छपा था। उसमें दिए नंबरों पर उसने संपर्क किया। युवक ने अपना नाम कालूराम शर्मा बताया था। उसने नौकरी के बड़े-बड़े सपने दिखाए। मल्टीनेशनल कंपनी में प्रोफेशनल लड़कियों के साथ जॉब करने का झांसा दिया। बातों में उलझाकर नई-नई कहानी बनाकर फीस के नाम से 90 हजार रुपए खाते में डलवा लिए। पीड़ित को जॉब नहीं मिली तो फोन किया इस पर आरोपी उसे धमकी देने लगा। महिलाओं के नाम से ब्लैकमेल कर जेल भिजवाने की धमकी देने लगा। तब परेशान होकर उसने थाने में मामला दर्ज कराया।
दोनों आरोपी ने बैंक में कालूराम शर्मा के नाम से बैंक में खाता खुलवाया था। उसकी काफी समय पहले मौत हो चुकी थी। दोनों ने मृतक चाचा के पहचान पत्रों में कांट-छाट कर आईडी बना ली थी। इसके बाद दोनों ने अलग-अलग बैंकों में खाता खुलवा लिया था। दोनों फोन पर कालूराम शर्मा बनकर ही बात करते थे और खातों में रुपए डलवाते थे। पुलिस ने बैंक खातों की डिटेल ली। बैंक में दिए एड्रेस पर पुलिस पहुंची तो कालूराम के मरने का पता लगा। इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी। दोनों के लेनदेन पर नजर रखी गई। मोबाइल की लोकेशन निकाली गई। फिर पूरे का खुलास हुआ।