जानिए- सीएम आतिशी ने क्यों कहा कि “भरत की तरह सिंहासन में खड़ाऊ” रखके करेंगे दिल्ली मे शासन…

AAP, New CM Aatishi, Arvind Kejriwal: दिल्ली की राजनीति में एक नया मोड़ आया जब आतिशी ने दिल्ली की मुख्यमंत्री का पदभार संभाल लिया। उन्होंने अपने कार्यभार संभालते ही स्पष्ट कर दिया कि भले ही वे मुख्यमंत्री की कुर्सी पर हों, लेकिन दिल्ली की सत्ता के सर्वोच्च स्थान पर अरविंद केजरीवाल ही रहेंगे। सोमवार को पदभार ग्रहण करते हुए आतिशी ने कहा, “मैं इस कुर्सी पर भरत जी की तरह बैठूंगी, जैसे उन्होंने राम की खड़ाऊं रखकर राज किया।”

आतिशी ने अरविंद केजरीवाल की अनुपस्थिति के प्रतीक के रूप में उनके लिए एक खाली कुर्सी भी रखवाई। उन्होंने कहा, “यह कुर्सी तब तक खाली रहेगी जब तक अरविंद केजरीवाल वापस नहीं आ जाते।”

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केजरीवाल की ईमानदारी पर जोर

आतिशी ने अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए कहा, “आज मेरे मन में भरत की व्यथा है। भाजपा ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ हर तरह का दुष्प्रचार किया। लेकिन केजरीवाल ने अपनी ईमानदारी के प्रति आस्था दिखाते हुए इस्तीफा दिया, जब तक दिल्ली के लोग उनकी ईमानदारी को साबित नहीं करेंगे, तब तक वह वापस नहीं आएंगे।” उन्होंने विश्वास जताया कि आगामी चुनाव में दिल्ली के लोग एक बार फिर केजरीवाल को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाएंगे।

अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर बात

आतिशी ने आगे कहा, “केजरीवाल को दुर्भावनापूर्ण तरीके से छह महीने तक जेल में रखा गया। कोर्ट ने भी माना कि उनकी गिरफ्तारी में एजेंसी की मंशा ठीक नहीं थी। यह कुर्सी अरविंद केजरीवाल की है और मुझे विश्वास है कि फरवरी में होने वाले चुनाव में दिल्ली की जनता उन्हें फिर से मुख्यमंत्री बनाएगी।”

इस्तीफे के बाद आतिशी बनीं मुख्यमंत्री

गौरतलब है कि अरविंद केजरीवाल ने 17 सितंबर को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था। इसके बाद आम आदमी पार्टी के विधायक दल ने सर्वसम्मति से आतिशी को नया मुख्यमंत्री चुना। इस्तीफे के साथ ही केजरीवाल ने अपनी चिट्ठी उपराज्यपाल वीके सक्सेना को सौंपी, जिसे बाद में राष्ट्रपति को भेज दिया गया।

आतिशी का मिशन

आतिशी ने मुख्यमंत्री बनने के बाद अपने उद्देश्यों को भी साफ कर दिया। उन्होंने कहा, “मेरे पास आगामी चुनाव तक दो प्रमुख काम हैं: पहला, दिल्ली के लोगों को भाजपा के षड्यंत्रों से बचाना और दूसरा, केजरीवाल को फिर से मुख्यमंत्री बनाना।” आगामी चुनाव में क्या होगा, यह तो वक्त बताएगा, लेकिन आतिशी की यह नई भूमिका दिल्ली की राजनीति में एक दिलचस्प मोड़ लेकर आई है।