नई दिल्ली। अगले महीनों में महंगाई अभी और बढ़ेगी। कोरोना संकट और खाद्य तथा मैन्युफैक्चर्ड सामान की आपूर्ति श्रृंखला बाधित हो रही हैं। जिससे महंगाई अभी और बढऩे का अनुमान लगाया जा रहा है। रिजर्व बैंक की 2019-20 की वार्षिक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार जुलाई में खुदरा महंगाई बढ़कर 6.93 फीसदी पर पहुंच गई थी। मुख्य रूप से सब्जियों, दालों, मांस और मछली के दाम बढ़ने की वजह से महंगाई बढ़ी है।
जून महीने में खुदरा महंगाई दर 6.23 फीसदी थी। जून के बाद जुलाई में भी खुदरा महंगाई दर के आंकड़े भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा तय सुविधाजनक दायरे से बाहर हो चुके हैं। जुलाई में खाद्य महंगाई यानी कंज्यूमर फूड प्राइस इंडेक्स बढ़कर 9.62 फीसदी पर पहुंच गई। रिजर्व बैंक का कहना है कि कोरोना संकट और खाद्य तथा मैन्युफैक्चर्ड सामान की आपूर्ति श्रृंखला बाधित होने से अगले महीनों में महंगाई और बढ़ेगी।
उन्होंने ने बताया कि खाद्य तथा मैन्युफैक्चर्ड सामान की आपूर्ति श्रृंखला बाधित होने से क्षेत्रीय आधार पर कीमतें दबाव में रह सकती हैं। इससे मेन इंफ्लेशन यानी मुख्य महंगाई के बढ़ने का जोखिम है। वित्तीय बाजारों में उतार-चढ़ाव का भी मुद्रास्फीति पर असर पड़ेगा।