Independence Day 2024: 26 जनवरी और 15 अगस्त को झंडा फहराने में क्या है अंतर, अच्छे-अच्छों को भी नहीं पता होगा

Flag Hoisting and Flag Unfurling: देश की आजादी के 77 साल पूरे हो रहे हैं और 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले की प्राचीर से ध्वाजारोहण करेंगे। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि 15 अगस्त और 26 जनवरी को झंडा फहराने में अंतर है। दरअसल, 15 अगस्त को ध्वजारोहण किया जाता है, जबकि 26 जनवरी को झंडा फहराया जाता है। इतना ही नहीं, इन दोनों का तरीका भी अलग-अलग होता है।

ध्वजारोहण क्यों कहा जाता है?

15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ध्वजारोहण किया जाता है। दरअसल, जब राष्ट्रीय ध्वज को स्तंभ पर नीचे से ऊपर की ओर चढ़ाया जाता है तो इसे ध्वजारोहण कहते हैं। 15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश राज यानी अंग्रेजों का झंडा नीचे उतारा गया था और भारतीय तिरंगा ऊपर चढ़ाया गया था।

झंडा फहराया कैसे जाता है?

26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस के मौके पर झंडा फहराया जाता है। इस दौरान झंडा पोल पर पहले से ही ऊपर लगाकर बंधा होता है और फिर फहराया जाता है। झंडे के साथ फूल की कुछपंखुडियां भी बांधी जाती हैं ताकि झंडा फहराया जाए तो पुष्प वर्षा हो।

15 अगस्त को ध्वाजारोहण

पंडित जवाहरलाल नेहरू ने लाल किले पर 15 अगस्त 1947 के दिन ध्वजारोहण किया था। इसके बाद से ही हर साल 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर पर देश के प्रधानमंत्री ध्वजारोहण करते हैं।

26 जनवरी को झंडा फहराया जाता है

26 जनवरी 1950 को गणतंत्र दिवस के मौके पर भारत के पहले राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने झंडा फहराया था। इसके बाद से भारत के राष्ट्रपति कर्तव्य पथ (पहले राजपथ) पर हर साल 26 जनवरी को झंडा फहराते हैं। इसके बाद भव्य परेड का आयोजन होता है।