नई दिल्ली. सोशल मीडिया पर डीपफेक (Deepfake) वीडियो की एक सीरिज पर घबराहट और आक्रोश के बीच केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर (Rajeev Chandrasekhar) ने कहा कि केंद्र सरकार जल्द ही ऐसी सामग्री के खिलाफ उचित कार्रवाई करने के लिए एक अधिकारी नियुक्त करेगी. राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MEITY) एक वेबसाइट विकसित करेगा. जिस पर यूजर्स आईटी नियम के उल्लंघन के बारे में अपनी चिंताओं को भेज सकते हैं. केंद्रीय आईटी मंत्री ने कहा कि एमईआईटीवाई यूजर्स को आईटी नियमों के उल्लंघन के बारे में बताने और एफआईआर दर्ज करने में मदद करेगा.
केंद्रीय मंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि मध्यस्थ के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी. अगर वे यह खुलासा करते हैं कि सामग्री कहां से आई है तो उसे पोस्ट करने वाले के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को अपनी उपयोग की शर्तों को आईटी नियमों के अनुरूप करने के लिए सात दिन का समय दिया गया है. चन्द्रशेखर ने कहा कि आज से आईटी नियमों के उल्लंघन के प्रति जीरो टालरेंस है. पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी डीपफेक वीडियो बनाने के लिए एआई या कृत्रिम बुद्धिमत्ता के दुरुपयोग का उल्लेख किया था और इसे बड़ी चिंता कहा था.
उन्होंने आगाह किया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के समय में यह महत्वपूर्ण है कि प्रौद्योगिकी का उपयोग जिम्मेदारी से किया जाना चाहिए. केंद्र सरकार ने कहा है कि डीपफेक के निर्माण और प्रसार पर 1 लाख रुपये का जुर्माना और तीन साल की जेल की कड़ी सजा का नियम है. इन वीडियो ने सार्वजनिक हस्तियों को निशाना बनाने वाले फर्जी वीडियो और दुनिया को गुमराह करने वाले डीपफेक बनाने की एआई की शक्ति के बारे में बड़े पैमाने पर चिंता पैदा कर दी है. इसने इस तरह की छेड़छाड़ के प्रभावों पर चिंताएं पैदा कर दीं हैं. खासकर सार्वजनिक हस्तियों के लिए इससे विशेष खतरा है, जो उन दृश्यों को लेकर परेशानी में पड़ सकते हैं.
इस महीने की शुरुआत में आईटी मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों के लिए एक एडवाइजरी जारी की थी. जिसमें ऐसे कानूनी प्रावधानों को सामने रखा गया था, जो इस तरह के डीपफेक को कवर करते हैं और उनको बनाने और प्रसारित करने पर जुर्माना लगाया जा सकता है. केंद्रीय मंत्री चन्द्रशेखर ने कहा था कि गलत सूचना के प्रसार को रोकना ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के लिए एक कानूनी दायित्व है. बयान में कहा गया है कि ऐसी किसी भी सामग्री की रिपोर्ट किए जाने पर उसे ऐसी रिपोर्टिंग के 36 घंटों के भीतर हटा दें और आईटी नियम 2021 के तहत निर्धारित समय सीमा के भीतर शीघ्र कार्रवाई सुनिश्चित करें और सामग्री या जानकारी तक पहुंच को रोक दें.