Ration Card News: अगर आप भी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के लाभार्थी हैं तो ये खबर आपके लिए जरूरी हो सकती है, क्योंकि विभाग ऐसे राशन कार्ड धारकों का डाटा बैंक तैयार कर रहा है। जो वास्तव में मुफ्त राशन के लिए पात्र ही नहीं है। विभाग ने पिछले पांच सालों में करोड़ों अपात्र लाभार्थियों का डाटा तैयार किया है। अब ऐसे कार्डों को अमान्य करने की प्लानिंग विभाग की है। हालांकि सरकार की ओर से कोई आधिकारिक घोषणा तो नहीं हुई है। लेकिन, विभागीय अधिकारियों का मानना है कि इनकी वजह से पात्र लोगों के अधिकारों का हनन होता है, साथ ही जो वास्तव में फ्री राशन का हकदार है। उसे राशन नहीं मिल पाता है। इसलिए सूची बनाकर फर्जी राशन कार्ड धारकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी…
2 करोड़ 41 लाख कार्ड हुए थे रद्द
बता दें कि, विगत वर्ष सार्वजनिक वितरण राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति संसद में बड़ा बयान दिया था। जिसमें उन्होने कहा था कि देशभर में 2017 से लेकर 20-21 तक पिछले पांच साल में डुप्लीकेट, अपात्र और जाली कुल 2 करोड़ 41 लाख राशन कार्ड रद्द किए गए हैं, साथ ही उन्होने ये भी बताया था कि अकेले बिहार राज्य में सात लाख 10 हजार राशन कार्ड रद्द हुए हैं। तभी से हर राज्य के विभाग फर्जी राशन कार्डों की लिस्ट तैयार कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि हर राज्य में लाखों की संख्या में कार्ड धारक ऐसे हैं जो वास्तव पात्र ही नहीं है।
क्या है पात्रता?
दरअसल, सरकार ने फ्री राशन वितरण प्रणाली का लाभ लेने के लिए कुछ जरूरी पात्रता निर्धारित की हैं। जैसे राशन कार्ड धारक टैक्सपेयर्स नहीं होना चाहिए, साथ ही वह गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करता हो, यानि उसकी सालाना आय 2 लाख रुपए से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा उसके घर में चार पहिया का वाहन नहीं होना चाहिए, लेकिन यूपी सहित देश के हर राज्य में कई ऐसे कार्ड धारक भी हैं जो सरकार के फ्री राशन को लेने के लिए कार से जाते हैं। ऐसे लोगों को चिंहित किया जा रहा है। ताकि जरूरतमंद को ज्यादा से ज्यादा योजना का लाभ पहुंच सके।
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