नई दिल्ली। देश की मिट्टी से जुड़े कई ऐसे पढ़े लिखे नौजवान हैं जो कमाई के लिए खेती की तरफ मुड़ गए हैं। फार्मिंग अगर आपका भी पैशन है तो खुद ऐसा उत्पाद लें जो कमाई की गारंटी दे सके। जैसे एग्जॉटिक वेजिटेबल बटन मशरूम। मशरूम की मांग रेस्तरां और होटल के लिए तो होती ही है, आजकल यूट्यूब से रेसिपी सीखने वाले शौकिया सेफ की तादाद भी बढ़ गई है, जिससे बटन मशरूम की मांग तेज हो रही है।
बटन मशरूम एक ऐसी जाति है जिसमें मिनरल्स और विटामिन भरपूर मात्रा में होता है। इसी बेनिफिट्स की वजह से मशरूम लोकप्रिय हो रहे हैं। बाजार में इसकी रिटेल भाव 300 से 350 रुपये किलो है और थोक का रेट इससे 40 फीसदी कम होता है। इसे मिल रही बड़ी मांग के चलते कई किसानों ने पारंपरिक खेती को छोड़कर मशरूम उगाना शुरू कर दिया है।
50 हजार रुपये में हो जाएगा शुरू –
कंपोस्ट बनाकर उसपर बटन मशरूम की खेती की जा सकती है। एक क्विंटल कम्पोस्ट में डेढ़ किलो बीज लगते हैं। 4 से 5 क्विंटल कंपोस्ट बनाकर करीब 2000 किलो मशरूम पैदा हो जाता है। अब 2000 किलो मशरूम अगर 150 रुपए एक किलो के हिसाब से भी बिकती है तो करीब 3 लाख रुपए मिलते हैं।
इसमें से 50 हजार रुपए लागत के तौर पर निकाल दें तो भी ढाई लाख रुपए बचते हैं, हालांकि इसकी लागत 50 हजार से कम ही आती है। प्रति वर्ग मीटर 10 किलोग्राम मशरूम आराम से पैदा हो जाता है।
खेती करने का ये है तरीका –
कम से कम 40 बाई 30 फुट की जगह में तीन तीन फुट चौड़ी रैक बनाकर मशरूम उगाए जा सकते है।
कंपोस्ट बनाने के लिए धान की पुआल को भिगो दें और एक दिन बाद इसमें डीएपी, यूरिया, पोटाश, गेहूं का चोकर, जिप्सम, कैल्शियम और कार्बो फ्यूराडन मिला कर इसे सड़ने के लिए छोड़ दें।
करीब 45 दिन के बाद कंपोस्ट तैयार होता है। अब गोबर की खाद और मिट्टी को बराबर मात्रा में मिलाकर करीब डेढ़ इंच मोटी परत बिछा कर ऊपर कंपोस्ट की दो से तीन इंच मोटी परत चढ़ाएं।
इसमें नमी बरकरार रहे इसलिए स्प्रे से मशरूम पर दिन में दो से तीन बार छिड़काव करें इसके ऊपर एक दो इंच मोटी कंपोस्ट की परत और चढ़ा दें।
यहां से ले सकते हैं ट्रेनिंग –
सभी एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी और कृषि अनुसंधान केंद्रों में मशरूम के खेती की ट्रेनिंग दी जाती है। अगर आप इसी बड़े पैमाने पर खेती करने की योजना बना रहे हैं तो बेहतर होगा एक बार इसकी सही ढंग से ट्रेनिंग जरूर लें।