अगर आप सरकारी बैंकों की शाखा में जाकर कोई भी वित्तीय या गैर वित्तीय काम करवाना चाहते हैं तो आपका काम ना हो पाने की पूरी आशंका है। आज 16 दिसंबर और कल 17 दिसंबर को सरकारी बैंकों में स्ट्राइक रहेगी। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक्स यूनियन (UFBU) ने दो दिन की हड़ताल करने का ऐलान किया था जिसको रोकने के प्रयास सफल नहीं हुए, लिहाजा इस हड़ताल में सार्वजनिक क्षेत्र की 4000 से भी ज्यादा ब्रांच में कार्यरत अधिकारी और कर्मचारी शामिल होंगे।
सरकारी बैंक के कर्मचारियों को वित्तीय या गैर वित्तीय लेनदेन या अन्य किसी तरह के बैंकिंग कामकाज के लिए अब शनिवार का इंतजार करना होगा। क्योंकि दो दिन की स्ट्राइक के चलते बैंक अब 18 दिसंबर शनिवार को खुलेंगे यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के प्रदेश संयोजक महेश मिश्रा ने प्रेस रिलीज जारी कर बताया था कि केंद्र सरकार संसद के मौजूदा सत्र में बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक लेकर आ रही है। जिससे भविष्य में किसी भी सरकारी बैंक को निजी क्षेत्र में देने का रास्ता साफ हो जाएगा। बैंक कर्मचारी व अधिकारी सरकार के इस निर्णय के खिलाफ 16 व 17 दिसंबर की दो दिन की देशव्यापी हड़ताल करेंगे।
एक सरकारी बैंक के अधिकारी ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया है कि दरअसल निजीकरण के खिलाफ बैंकों की इस स्ट्राइक में खासतौर पर इस बिंदु को रखा गया है कि यदि बैंकों का निजीकरण हुआ तो इसकी मार बैंक कर्मियों के अलावा इ बैंकों में खाता रखने वाले ग्राहकों पर भी पड़ेगी। देखा जाए तो सबसे ज्यादा उन खाताधारकों पर इसका असर पड़ेगा जो निम्न वर्ग से आते हैं। ऐसे खाते जो जीरो बैंलेंस अकाउंट होते हैं उन्हें खोलने के लिए सरकारी बैंकों में जिस तरह से सहयोग दिया जाता है, वो निजी बैंकों में किसी भी तरह से देखा नहीं जाता है। इसके अलावा सरकारी बैकों पर वैसे ही काम का बोझ ज्यादा है और जो अधिकारी व बैंककर्मी सालों से सरकारी बैंकों में काम करते हैं उनको एकाएक निजी बैंक कर्मियों का स्टेटस देने का जो प्रयास है उसे सफल न होने देने के लिए ये 2 दिन की स्ट्राइक की जा रही है।
देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक एसबीआई यानी भारतीय स्टेट बैंक और ज्यादातर बैंकों ने अपने ग्राहकों को ये जानकारी दे दी है कि हड़ताल की वजह से चेक क्लीयरिंग और फंड ट्रांसफर जैसी बैंकिंग सर्विसेज पर असर देखा जाएगा और इस परेशानी को दो दिन के लिए वहन करें।
कल हुई थी आखिरी कोशिश बुधवार को अतिरिक्त मुख्य श्रम आयुक्त के सामने बैंक स्ट्राइक रोकने के लिए की गई बैठक विफल रही और यूनियनों ने हड़ताल पर जाने के फैसले को कायम रखा। इस बैठक में यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक्स यूनियन (UFBU) ने दो दिन की हड़ताल रोकने के लिए जो शर्तें रखीं, उन पर कोई नतीजा नहीं निकला।