भारतीय रेल में रोजाना 1.87 करोड़ लोग टिकट लेकर सफर करते हैं। इनके अलावा तमाम ऐसे यात्री भी होते हैं, जो बगैर टिकट यात्रा करते हैं, जिससे आरक्षित कोचों में सफर करने वाले यात्रियों को परेशानी होती है। हालांकि टीटी ऐसे यात्रियों की पहचान कर कोच से बाहर करता है, लेकिन इस संबंध में रेलवे का एक नियम जानना भी आपके लिए बेहद जरूरी है। अगर कोई महिला ट्रेन से बगैर टिकट अकेली सफर करती हुई पायी जाती है तो ऐसे में क्या टीटी उस महिला को ट्रेन से उतार सकता है। आइए जानें रेलवे का नियम।
कोई यात्री ट्रेन में बगैर टिकट सफर करता पाया जाता है तो टीटी उसे कोच के गेट पर लाकर खड़ा कर देता है और अगले स्टेशन में जहां ट्रेन रुकती है, यात्री को कोच से नीचे उतार देता है। कई बार इसके लिए आरपीएफ या जीआरपी का सहारा भी लेना पड़ता है, लेकिन अगर कोई महिला अकेली है और उसने टिकट नहीं लिया है तो क्या उसके साथ भी ऐसा किया जा सकता है।
इस संबंध में रेलवे बोर्ड के डायरेक्टर (इनफार्मेशन और पब्लिकेशन) शिवाजी मारुति सुतार बताते हैं कि जांच के दौरान बगैर टिकट पाए जाने पर अकेली महिला को ऑड समय किसी भी खाली पड़े स्टेशन पर कोच से नीचे नहीं उतारा जा सकता है। इसके साथ ही दिन में भी किसी ऐसे स्टेशन में उसे कोच से नीचे नहीं उतारा जा सकता है, जहां पर उसकी सुरक्षा को खतरा हो सकता हो। अगर टीटी उसे उतारता भी है तो उसे सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने की जिम्मेदारी जीआरपी या आरपीएफ की होगी। जवान महिला को स्कार्ट कर ले जाएंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि जहां पर छोड़ा गया है, वह पर महिला सुरक्षित है। इसके बाद ही जीआरपी या आरपीएफ के जवान वापस ट्रेन में आएंगे।