बेंगलुरु. विवादित तब्लीगी जमात के सदस्यों को लेकर Tweet करने वाले आईएएस (IAS) अधिकारी को कर्नाटक सरकार ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है. शुक्रवार को जारी नोटिस में उन्हें 05 दिन में लिखित जवाब देने को कहा गया है. शनिवार को नोटिस मिलने की पुष्टि करते हुए आईएएस अधिकारी मोहम्मद मोहसिन ने कहा कि वे नियमों के हिसाब से जल्द ही इसका जवाब देंगे. मोहसिन ने Tweet के जरिये कोरोना वायरस संक्रमण से उबरने वाले जमातियों द्वारा दूसरे मरीजों के इलाज के लिए प्लाज्मा डोनेट करने की तारीफ की थी.
आईएएस अधिकारी मोहसिन ने शनिवार को कहा, हां, मुझे नोटिस मिला है और मैं जल्द ही नियमों के तहत इसका जवाब दूंगा. उन्होंने आश्चर्य जताते हुए कहा कि मैंने केवल एक निजी न्यूज चैनल की खबर शेयर की थी. मुझे नहीं पता है कि इस ट्वीट पर इतना हंगामा क्यों मचा हुआ है. जब उनसे इस हंगामे के पीछे किसी साजिश की संभावना के बारे में पूछा गया तो मोहसिन ने महज इतना कहा, आप हर समय सभी को खुश नहीं कर सकते. कर्नाटक कैडर के 1996 बैच के आईएएस अधिकारी मोहसिन मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं. वे फिलहाल कर्नाटक सरकार के पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग में सचिव पद पर तैनात हैं.
• Tweet में जमाती को बताए थे नायक, मीडिया पर साधा था निशाना
दरअसल मोहसिन ने 27 अप्रैल को Tweet में लिखा था. कि 300 से ज्यादा तब्लीगी नायक अकेले नई दिल्ली में देश की सेवा के लिए अपना प्लाज्मा डोनेट कर रहे हैं. इस बारे में क्या? गोदी मीडिया? वे इन नायकों के किए मानवता के कार्यों को नहीं दिखाएंगे. सरकार ने उनके ट्वीट को अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियम-1968 का उल्लंघन मानते हुए लिखित जवाब मांगा है.
• चुनाव में PM के हेलिकॉप्टर की तलाशी पर हो चुके निलंबित
यह पहली बार नहीं है, जब आईएएस मोहसिन किसी विवाद में फंसे हैं. पिछले साल अप्रैल में उन्हें लोकसभा चुनाव के दौरान ओडिशा में चुनावी सभा के लिए पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हेलिकॉप्टर की तलाशी कराने के लिए निलंबित कर दिया गया था. पोल ऑब्जर्वर के तौर पर तैनात मोहसिन को चुनाव आयोग ने निलंबित किया था.