
नई दिल्ली। देशभर में ‘आई लव मुहम्मद’ और ‘आई लव महादेव’ पोस्टरों को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। जुमे की नमाज के बाद मस्जिदों के बाहर विरोध प्रदर्शन की तैयारियां हैं, तो वहीं हिंदू संगठनों ने भी ‘आई लव महादेव’ कैंपेन के साथ जवाबी मोर्चा खोल दिया है। कई शहरों में तनाव का माहौल है और प्रशासन ने हालात पर काबू रखने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं।
दिल्ली की जामा मस्जिद के बाहर जुमे की नमाज के बाद बड़ी संख्या में लोग ‘आई लव मुहम्मद’ के पोस्टरों के साथ जुटने की तैयारी में हैं। कानपुर, लखनऊ और मुंबई समेत कई शहरों में मुस्लिम संगठनों ने विरोध का ऐलान किया है। उनका कहना है कि कानपुर में ‘आई लव मुहम्मद’ के पोस्टर लगाने वालों पर पुलिस की कार्रवाई गलत है, जिससे सांप्रदायिक सौहार्द प्रभावित हुआ है और निर्दोषों के अधिकारों का हनन हुआ है।
बरेली में मौलाना तौकीर रजा ने नमाज के बाद इस्लामिया ग्राउंड से कलेक्ट्रेट तक मार्च का आह्वान किया था, हालांकि प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी और धारा 163 लागू कर दी। जिले में एक हजार से अधिक पुलिसकर्मी, जिनमें महिला बल भी शामिल है, फ्लैग मार्च कर रहे हैं। तौकीर रजा का कहना है कि उनका उद्देश्य केवल ज्ञापन सौंपना है, प्रदर्शन भड़काने का नहीं।
इधर, हिंदू संगठनों ने ‘आई लव महादेव’ कैंपेन शुरू कर दिया है। मुंबई, वाराणसी, गुजरात और असम में घरों, सड़कों और खंभों पर पोस्टर लगाए जा रहे हैं। मुंबई में गरबा नाइट्स के दौरान लोगों को पोस्टर बांटे जा रहे हैं और महाआरती का आयोजन भी किया जा रहा है। काशी में साधु-संत शंकराचार्य नरेन्द्रानंद के नेतृत्व में सड़कों पर उतरे और ‘आई लव महादेव’ के पोस्टर घरों और पार्कों में लगाए। शंकराचार्य ने आरोप लगाया कि इस विवाद के पीछे चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने की साजिश है।
बीजेपी विधायक नीतीश राणे ने चेतावनी दी है कि मुंबई का माहौल बिगाड़ने की कोशिश हुई तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वहीं सपा नेता अबू आजमी ने कानपुर में ‘आई लव मुहम्मद’ पोस्टर लगाने वालों पर कार्रवाई का विरोध करते हुए कहा कि हर किसी को अपने धर्म का पालन करने और आस्था व्यक्त करने का हक है।
तनाव को देखते हुए प्रशासन ने दिल्ली, मुंबई, बरेली, लखनऊ और अन्य संवेदनशील शहरों में पुलिस बल तैनात किया है और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।