How EVM Works and Candidate Listing: लोकसभा चुनाव 2024 में आज यानी सोमवार को चौथे चरण का मतदान चल रहा है। इस चरण में 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 96 सीटों के लिए लोग वोट डाल रहे हैं। वोट डालने के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) का इस्तेमाल किया जाता है। ईवीएम वोट डालने और वोटों की गिनती करने के काम में सहायता करती है। मतदान से पहले लोगों के लिए यह जानना जरूरी हैं कि ईवीएम में किस उम्मीदवार का नाम पहले और किसका बाद में आएगा, लेकिन इसे लेकर कोई असमंजस नहीं है, क्योंकि चुनाव आयोग ने इसके लिए पहले से नियम और मानक तय किए हैं।
ईवीएम में उम्मीदवार का नाम किस नंबर पर आएगा, यह उस राज्य की भाषा से तय होता है। राज्यों में सरकारी कामकाज की जो भाषा होती है, उसके वर्णक्रम के अनुसार ही उम्मीदवारों के नाम लगाए जाते हैं। मसलन अगर चुनाव पंजाब में कराए जा रहे हैं तो गुरुमुखी लिपि की वर्णमाला के हिसाब से उम्मीदवारों के नाम ईवीएम में सेट किए जाएंगे। अगर उस राज्य की भाषा हिंदी है तो वहां पर ईवीएम में हिंदी वर्णमाला के अनुसार ही उम्मीदवारों के नाम लगाए जाएंगे. मेट्रो शहरों में हिंदी या उस राज्य की भाषा के साथ अंग्रेजी में उम्मीदवारो के नाम लिखे जाते हैं, ताकि वहीं रहने वाले दूसरे राज्य के गैरहिंदी भाषी वोटर भी उम्मीदवारों के नाम आसानी से पढ़ सकें।
पहले आते हैं राष्ट्रीय पार्टियों के नाम
ईवीएम में पहले राष्ट्रीय पार्टियों के उम्मीदवारों के नाम लगाए जाते हैं। उसके बाद पंजीकृत मान्यता प्राप्त पार्टियों के उम्मीदवारों के नाम आते हैं। तीसरे नंबर पर पंजीकृत गैर मान्यताप्राप्त दलों के उम्मीदवारों के नामों को रखा जाता है। इनके बाद निर्दलीय उम्मीदवारों के नाम रहते हैं। सबसे आखिरी में मतदाताओं के लिए नोटा का विकल्प रखा जाता है। सभी हिस्सों में उम्मीदवारों के नाम उसी तरह लगाए जाएंगे जो चुनाव आयोग का नियम कहता है।
एक ईवीएम में आते हैं कितने नाम
एक ईवीएम में अधिकतम 64 उम्मीदवारों के नाम लिखे जा सकते हैं, यानी एक ईवीएम से 64 उम्मीदवारों के लिए वोटिंग की जा सकती है। दरअसल एक यूनिट से 16 उम्मीदवारों के लिए वोटिंग की जा सकती है. एक कंट्रोल यूनिट से चार से ज्यादा बैलेट यूनिट को नहीं जोड़ा जा सकता है। अगर किसी निर्वाचन क्षेत्र में 64 से ज्यादा उम्मीदवार है तो ऐसे में वहां पर चुनाव आयोग ईवीएम की बजाय बैलेट पेपर से वोटिंग कराने का फैसला ले सकता है।
एक ईवीएम में पड़ते हैं कितने वोट
एक ईवीएम में 3840 वोट डाले जा सकते हैं। भारत में जो मतदान केंद्र या बूथ बनाए जाते हैं, उसमें एक केंद्र में अधिकतम 1500 वोट ही पड़ते हैं। ज्यादा वोटर होने की स्थिति में दूसरा बूथ बनाया जाता है। ईवीएम की क्षमता को देखते हुए एक केंद्र के लिए एक मशीन पर्याप्त होती है।
1982 में पहली बार ईवीएम का इस्तेमाल
ईवीएम का इस्तेमाल पहली बार 1982 में किया गया था। आजादी केबाद से 70 के दशक तक चुनाव आयोग बैलेट पेपर से चुनाव करवाता रहा था। ईवीएम का प्रयोग सबसे पहले केरल के परावुर विधानसभा क्षेत्र के 50 मतदान केंद्रों पर किया गया था। चुनाव हारने वाले ई. सी. जोस ने ईवीएम से हुए मतदान और परिणाम को अदालत में चुनौती दी थी। कोर्ट ने जोस की याचिका स्वीकार करते हुए फिर से मतदान कराने का आदेश दिया था।
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