हाथरस भगदड़ः एक-एक कर खुल रहा ‘भोले बाबा’ का काला चिट्ठा, दस्तावेज खंगालने पर सामने आई ये असलियत

हाथरस। हाथरस में सत्संग के दौरान भगदड़ से 121 लोगों की मौत के बाद सुर्खियों में आए नारायण हरि बाबा उर्फ भोले बाबा का काला चिट्ठा एक-एक करके खुल रहा है।  नारायण हरि बाबा का असली नाम सूरज पाल सिंह है। राज्य में राजस्व विभाग की टीम इसके तमाम आश्रम और जमीनों की पड़ताल शुरू कर दी है। मैनपुरी समेत अलग-अलग जिलो में राजस्व टीम की तरफ से दस्तावेज खंगालने पर बाबा की असलियत सामने आ रही है। भोले बाबा पर जमीन कब्जाने के भी कई आरोप हैं।

अवैध रूप से जमीन पर कब्जा करने का आरोप

कानपुर के बिधनू थाना क्षेत्र के करसुई गांव में नारायण हरि बाबा उर्फ भोले बाबा के साकार विश्वहरि ग्रुप पर 5 से 7 बीघे जमीन पर अवैध कब्जा कर करने का आरोप है। वहीं, आगरा में औषधि और चमत्कारिक उपचार मामले में बाबा पर मुकदमा दर्ज किया गया था।

आगरा में दर्ज हुआ था मामला

मिली जानकारी के अनुसार, साल 2000 में नारायण हरि बाबा उर्फ भोले बाबा के खिलाफ आगरा के थाना शाहगंज में ढोंग करने का एक मुकदमा दर्ज हुआ था। इसमें बाबा भोले समेत सात लोगों को आरोपी बनाया गया था। इस मामले में पहले तो कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई लेकिन बाद में 2 दिसंबर 2000 को इस मुकदमे में एफआर लगा दी गई। यह मामला 18 मार्च 2000 का बताया गया है।

जब थाना शाहगंज में एक मरी हुई लड़की स्नेह लता को कुछ चमत्कार कर जिंदा करने का दावा किया था। इसे देखने के लिए इलाके में भारी भीड़ इकट्ठा हो गई और फिर हंगामा के बाद पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा था। इस मामले में भोले बाबा के खिलाफ औषधि और चमत्कारी उपचार की धाराओं समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। 

नोएडा में भी आया था बाबा

वहीं, नोएडा के सेक्टर 87 के इलाहबास गांव जहां नारायण साकार हरि उर्फ़ भोले बाबा 2022 में क़रीब एक महीने के प्रवास पर आया था लेकिन किसी को दर्शन नहीं दिया। बाबा ने जहां प्रवास किया था उस मकान में छानबीन करने नोएडा पुलिस की टीम भी पहुंची थी। बाबा जिस मकान में वह रुका था वहां से उसके पोस्टर फाड़ दिये गये हैं।