फ़टाफ़ट डेस्क. बेंगलुरु में एयरो इंडिया एविएशन प्रदर्शनी का 14वां संस्करण येलहंका एयर बेस में चल रहा है। यह कार्यक्रम एयरोस्पेस और रक्षा उद्योगों में नई तकनीक, उत्पादों और सेवाओं के लिए एक शोकेस है। इसमें एयरोस्पेस और रक्षा कंपनियों, सरकारी एजेंसियों और दुनिया भर के सैन्य प्रतिनिधियों ने भाग लिया है। भारत की प्रमुख रक्षा और विमानन कंपनियों में से एक, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने इस कार्यक्रम में एक सुपरसोनिक विमान HLFT-42 का प्रदर्शन किया।
प्रदर्शित HLFT-42 एयरक्रॉफ्ट से भगवान हनुमान की तस्वीर को हटा दिया है। बता दें कि एक दिन पहले HAL की ओर से हिंदुस्तान लीड इन फाइटर ट्रेनर के एक मॉडल के अनावरण किया गया था। इसके पिछले हिस्से पर भगवान हनुमान की तस्वीर दिखाई गई थी।
एयरो शो के दौरान इस ट्रेनर विमान की तस्वीर सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने सवाल खड़ा करना शुरू कर दिया था। लोगों ने सवाल किया कि आखिर एक धर्मनिरपेक्ष देश में किसी विमान पर भगवान हनुमान की तस्वीर कैसे हो सकती है? वहीं कंपनी ने विमान पर भगवान हनुमान की तस्वीर होने की दो वजह बतायी थी। कंपनी ने कहा था कि यह विमान हनुमान जी की शक्तियों से प्रेरित है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी ने बताया कि जब उन्होंने पहला ट्रेनर विमान बनाया था, जिसका नाम मारूत था। इसका शब्दिक अर्थ मारूति है यानी कि पवन देव और पवन देव के पुत्र थे भगवान हनुमान. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के सीएमडी सीबी अनंतकृष्णन ने बेंगलुरु में एयरो इंडिया शो में प्रदर्शित एचएलएफटी-42 विमान मॉडल की पूंछ से भगवान हनुमान की तस्वीर को हटाने पर प्रतिक्रिया दी।
अब एचएएल के चीफ मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. डीके सिंह ने कहा, ‘हमने विमान की ताकत दिखाने के लिए भगवान हनुमान की तस्वीर लगाई थी, लेकिन आंतरिक चर्चा के बाद हमने इसे नहीं रखने का फैसला किया, इसलिए हमने इसे हटा दिया। बता दें कि HLFT-42 एयरक्राफ्ट पहले स्वदेशी विमान HAL मारुत का उत्तराधिकारी है। मारुत भगवान पवन का दूसरा नाम है। भगवान हनुमान पवन पुत्र थे, इसलिए एयरशो में प्रदर्शित किए गए एयरक्राफ्ट पर भगवान हनुमान की तस्वीर प्रदर्शित की गई थी। भगवान हनुमान की तस्वीर के साथ लिखा गया था- ‘The Strom is Coming’
HLFT-42 के बारे में जानें सबकुछ
HLFT-42 अगली पीढ़ी का सुपरसोनिक ट्रेनर है जो आधुनिक लड़ाकू विमान प्रशिक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। विमान हॉक-132 सबसोनिक ट्रेनर और मिग-21 जैसे मौजूदा ट्रेनर विमानों के बीच की खाई को मिटा देगा, जिनका उपयोग सुपरसोनिक तकनीक में पायलटों को प्रशिक्षित करने के लिए किया जाता है।
यह फ्लाई बाय वायर कंट्रोल (FBW) सिस्टम के साथ एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड एरे (AESA), इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर (EW) सूट, इन्फ्रारेड सर्च एंड ट्रैक (IRST) जैसे अत्याधुनिक एवियोनिक्स से लैस है।