सरकारी वादे अधूरे, छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने महंगाई भत्ता, एरियर्स, और अन्य मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की दी चेतावनी

अम्बिकापुर..(सीतापुर/अनिल उपाध्याय)..छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने महंगाई भत्ता, लंबित एरियर्स और अन्य चार सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में फेडरेशन ने भाजपा के चुनावी घोषणाओं का उल्लेख किया है, जिसमें 1 जनवरी 2024 से 4 प्रतिशत महंगाई भत्ता देने की बात कही गई थी।

फेडरेशन ने सरकार को याद दिलाया कि चुनाव पूर्व भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में चार स्तरीय समयमान वेतनमान, केंद्र के समान गृह भाड़ा भत्ता, और अर्जित अवकाश की सीमा 240 से बढ़ाकर 300 करने का वादा किया था। हालांकि, सरकार बनने के बाद अब तक इन वादों को पूरा नहीं किया गया है, जिससे प्रदेश के लाखों अधिकारी-कर्मचारी खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं।

फेडरेशन ने बताया कि कई बार सरकार से आग्रह करने के बावजूद इन मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया, जिससे कर्मचारियों में असंतोष बढ़ता जा रहा है। इस असंतोष को देखते हुए फेडरेशन ने चरणबद्ध तरीके से विरोध प्रदर्शन किए और अब तीसरे चरण के तहत मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर अपनी मांगों पर ध्यान देने की अपील की है।

फेडरेशन ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार उनकी मांगों को जल्द पूरा नहीं करती है, तो आगामी 27 सितंबर को प्रदेश के सभी अधिकारी और कर्मचारी सामूहिक अवकाश लेकर कलम बंद, काम बंद और सामूहिक धरना देकर विरोध प्रदर्शन करेंगे।

ज्ञापन सौंपने के दौरान फेडरेशन के अध्यक्ष कृष्ण कुमार गुप्ता, संयोजक उमेश मिश्रा, श्याम गुप्ता, राकेश बैरागी, गणेश यादव, कृष्णा पटेल, मंजू मिंज, दिलीप कुजूर, जयप्रकाश केरकेट्टा, तिलक राम और प्रदीप नागदेव उपस्थित थे।

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