मध्यप्रदेश के जबलपुर में एक बिन ब्याही मां बेटी के साथ न्याय की तलाश में दर-दर ठोकर खा रही है। लड़की को युवक ने शादी का झांसा देकर लिव-इन-रिलेशनशिप में रखा। जब वह 7 महीने की गर्भवती हुई तो प्रेमी फरार हो गया। और बेटी के पैदा होने के बाद वापस आया। 3 साल तक उसे किराए के कमरे में साथ रखा। फिर छोड़कर भाग निकला। जब मकान मालिक ने लड़की को प्रेमी के घर पहुंचा दिया तो उसके साथ मारपीट कर भगा दिया। लड़की कुछ दिनों तक नारी निकेतन में रहने के बाद अब एक मंदिर में बेटी के साथ रहने को मजबूर है।
मंगलवार को एसपी कार्यालय में पहुंची पीड़िता ने बताया कि वर्ष 2017 में उसकी मुलाकात नीलेश नाम के युवक से हुई थी। इसके बाद उनकी बातचीत होने लगी। नीलेश उसे महाराजपुर अधारताल स्थित एक किराए के घर में ले गया। शादी का झांसा देकर शारीरिक शोषण करने लगा। दोनों पति-पत्नी की तरह रहने लगे थे।
इस बीच वह गर्भवती हो गई। उसे सात माह का गर्भ था, तभी नीलेश उसे छोड़कर फरार हो गया। उसने एक बेटी को जन्म दिया। बेटी के पैदा होने के 5 महीने बाद वह वापस आया। तब उसने खुलासा किया कि वह पहले से शादीशुदा है और एक बच्चा भी है। युवती को भरोसा दिया कि इसके बावजूद वह उसे भी पत्नी का दर्जा देगा। ऐसा बोलकर वह उसके साथ तीन सालों तक लिव-इन-रिलेशन में रहा। बीच में कई बार शादी करने के लिए कहने पर वह कोई न कोई बहाना बना कर टाल देता।
कुछ महीने पहले ही वह फिर से उसे और बेटी को छोड़कर भाग गया। तब से वह एक किराए के मकान में रह रही थी। किराया न मिलने से मकान मालिक ने उसे निकाल दिया और नीलेश के घर गोसलपुर पहुंचा दिया। वहां नीलेश उससे मारपीट करने लगा। उसकी पत्नी, मां और तीनों भाई ने भी मारपीट कर लड़की को घर से निकाल दिया। नीलेश कहता है कि अब उससे कोई रिश्ता नहीं रखना। बेटी काे भी अपनाने से इंकार करता है।
15 दिनों से वह बेटी काे लेकर बुढ़ागर के एक मंदिर में रह रही है। वहां के लोग खाना दे देते हैं। गोसलपुर थाने गई तो उनके शब्द अपमानित करने वाले थे। मदद की बजाय वह उसके चरित्र पर ही लांछन लगाते रहे। आरोपियों ने उसे जबरन नारी निकेतन में रखवाया था। लेकिन वहां बेटी को लेकर वह नहीं रह सकती है। वहां दिमागी रूप से कमजोर लोगों को भी रखा जाता है। पीड़िता ने मामले में धोखा देने वाले नीलेश के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इस मामले में टीआई गोसलपुर ने सफाई पेश करते हुए कहा कि पीड़िता की शिकायत पर आरोपी को बुलाया गया था। पर पीड़िता ही कार्रवाई कराने से पीछे हट गई।