300 करोड़ की प्रॉपर्टी के लिए बहू ने ससुर को कार से कुचलवाया, एक्सीडेंट का दिया रूप, फिर ऐसे हुआ खुलासा

महाराष्ट्र के नागपुर में हत्या का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां एक बहू ने अपने ससुर की हत्या इस वजह से करा दी, क्योंकि उसकी नजर ससुर की 300 करोड़ रुपये की संपत्ति पर थी। उसने ससुर की हत्या कराने के लिए दो सुपारी किलरों से संपर्क किया और 1 करोड़ की सुपारी दी। इसके बाद आरोपियों ने एक कार खरीदी और बुजुर्ग को कुचलकर मार डाला। आरोपियों ने हत्या को हादासा दिखाने की भरपूर कोशिश की लेकिन पुलिस ने उनकी पोल खोलकर रख दी।

जानें पूरा मामला

बता दें कि 22 मई 2024 को नागपुर के मानेवाड़ा चौक के पास कार की टक्कर से शुभम नगर मानेवाड़ा के 82 वर्षीय पुरूषोत्तम पुत्तेवार की मौत हो गई थी। नागपुर पुलिस ने 6 जून को गढ़चिरौली में नगर नियोजन विभाग की सहायक निदेशक अर्चना मनीष पुट्टेवार (पार्लेवार) को लगभग 300 करोड़ रुपये की संपत्ति के लिए एक करोड़ रुपये की सुपारी देकर अपने ससुर की निर्मम हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार किया। पुलिस ने शुरुआत में पुरूषोत्तम पुत्तेवार का एक्सीडेंट दर्ज कर इसकी जांच की लेकिन जांच में पता चला कि हादसा हुआ है। पता चला है कि इसके सूत्रधार पुरूषोत्तम पुत्तेवार की बहू अर्चना पुत्तेवार हैं, जो तीन साल से गढ़चिरौली के नगर नियोजन विभाग में सहायक निदेशक के पद पर कार्यरत हैं।

मिली जानकारी के मुताबिक नागपुर के पुट्टेवार परिवार में कुछ सालों से करीब 300 करोड़ रुपये की संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा था। पता चला कि गढ़चिरौली में टाउन प्लानिंग विभाग में कार्यरत अर्चना पुट्टेवार ने ड्राइवर सार्थक बागड़े को सुपारी देकर सचिन धर्मा और नीरज उर्फ नाइटी निमजे दोनों की मदद से अपने ससुर की हत्या कराई थी। अर्चना के पति मनीष एक डॉक्टर हैं और उनकी सास शकुंतला एक ऑपरेशन के कारण अस्पताल में थीं। पुलिस जांच में पता चला कि पत्नी से मिलने के बाद घर जाते समय पुरुषोत्तम को एक कार ने टक्कर मार दी थी और दुर्घटना का रूप देने की कोशिश की थी।

टाउन प्लानिंग विभाग की सहायक निदेशक थी अर्चना

अर्चना पुट्टेवार पिछले 3 वर्षों से नगर नियोजन विभाग, गढ़चिरौली में सहायक निदेशक के रूप में कार्यरत थी। इसके साथ ही अर्चना पार्लेवार चंद्रपुर जिले की प्रभारी थी और दो जिलों की प्रमुख थीं। सूत्रों के मुताबिक, गढ़चिरौली टाउन प्लानिंग विभाग के सहायक निदेशक के रूप में अर्चना पार्लेवार का कार्यकाल विवादास्पद था। उनके बारे में कई शिकायतें नागपुर के उच्च कार्यालय से लेकर मंत्रालय तक गईं लेकिन चूंकि वह शिकायतों को दबाने के लिए पावर का इस्तेमाल कर रही थी, इसलिए कोई कार्रवाई नहीं की गई। आरोपी अर्चना पार्लेवार का समर्थन कौन कर रहा है, इसकी भी चर्चा ने जिले में जोर पकड़ लिया है। अर्चना पुट्टेवार के राजनीतिक समर्थन के कारण, नागपुर के वरिष्ठ कार्यालय में अभी भी 40 मामलों की जांच की जा रही है लेकिन कहा जा रहा है कि कार्यवाही शून्य है। इस संबंध में यदि पुट्टेवार के मोबाइल की सीडीआर निकाली जाए और गहन जांच की जाए तो कई चौंकाने वाले खुलासे होने की उम्मीद है।