फटाफट डेस्क : असम और मिजोरम के बीच एक हिंसक खड़प हुई। यह लड़ाई दो गुटों के बीच हुई जिसमें दोनों गुटों ने एक दूसरे के आवास को आग के हवाले कर दिया।
आपको बता दे की असम और मिजोरम आपस में अपनी सीमा शेयर करते हैं। इसी सीमा को लेकर 17 अक्टूबर को दोनो गुटों में हिंसक लड़ाई हुई है। बॉर्डर में रहने वाले लोग आपस में लड़े – मरे जा रहे हैं।
दोनो राज्यो के लोगो ने बांस कि बनी करीब 20 झोपड़ियां जला दी। इस घटना में कई लोग घायल भी हुए।
क्यों हुई हिंसक झड़प?
मिज़ोरम और असम करीब 164 किलोमीटर की बाउंड्री शेयर करते हैं. दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद होते रहे हैं. इन्हें कम करने के लिए 1995 के बाद से कई बार मीटिंग्स भी हो चुकी हैं, जिनका परिणाम कुछ खास निकला नहीं.
दोनों राज्यों के सीमाई इलाकों में छोटी-मोटी झड़पें होती रहती हैं. हालिया घटना एक पथराव की वजह से हुई बताई जा रही है. नेशनल हाईवे 306 वैरेंगटे इलाके से होकर गुज़रता है. यही हाईवे असम राज्य को कनेक्ट करता है. एच लाल्थ्लांग्लियाना, मिज़ोरम के कोलासिब ज़िले के डिप्टी कमिश्नर हैं. उन्होंने PTI को बताया कि 17 अक्टूबर की शाम सीमावर्ती गांव के बाहरी इलाके में ऑटो-रिक्शा स्टैंड के पास लाठी-डंडों से लैस असम के कुछ लोगों ने एक ग्रुप के ऊपर पत्थरबाज़ी की, जिसके बाद कई वैरेंगटे निवासी इकट्ठा हो गए.
वैरेंगटे की इस गुस्साई भीड़ ने वहां पर स्थित बांस की झोपड़ियों और स्टॉलों को आग के हवाले कर दिया। जिसे नेशनल हाईवे पर लायलापुर के लोगों ने बनाया था. ये सब तब हुआ, जब इलाके में पहले से ही निषेधात्मक आदेश लागू थे. घटना में कई लोग घायल हुए. इनमें चार लोग वैरेंगटे के भी हैं. कुछ लोगों की हालत गंभीर है. अच्छी बात यह है कि झगड़े में किसी की मौत नहीं हुई.
पुलिस ने बताया कि असम – मिजोरम की सीमा के इलाके को नियंत्रण में ले लिया गया है। और वहां सुरक्षा बालों कि तैनाती कर दी गई है। अभी माहौल शांत हो गया है
असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने ट्वीट कर घटना कि जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय एवं गृह मंत्री कार्यालय में दे दी है। उन्होंने मिजोरम के सीएम जोराम थांग से भी इस मामले पर बात चित की है।