Weather Update: इस साल खूब झुलसाएगी गर्मी, हीट वेव का अलर्ट, जानें अप्रैल से जून तक कैसा रहेगा वेदर ट्रेंड

नई दिल्ली. मौसम विभाग (Weather News) ने आशंका जताई हैं कि इस साल गर्मी लोगों को ज्यादा परेशान कर सकती है। माना जा रहा हैं कि, इस साल अप्रैल से जून के बीच अधिकतम तापमान ज्यादा हो सकता हैं। इतना ही नहीं इस साल हीट वेव, लू के ज्यादा दिनों तक चलने की संभावना हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अपने ताजा पूर्वानुमान में कहा हैं कि, उत्तर पश्चिम भारत कम से कम कुछ समय के लिए राहत की सांस ले सकता हैं। क्योंकि, कुछ दिनों में इन इलाकों में बारिश हो सकती हैं। ऐसे में तापमान में बढ़ोतरी नहीं होने की उम्मीद जताई जा रही हैं।

फिलहाल, अधिकतम तापमान देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से 2-4 डिग्री सेल्सियस कम है और अगले 5 दिनों तक सामान्य रहने की संभावना है। मौसम विभाग (IMD) का कहना है कि इस बात की बहुत कम संभावना है कि कम से कम अप्रैल के मध्य तक उत्तर पश्चिम भारत में लू का असर हो।

गर्मी को लेकर लेटेस्ट अपडेट

मौसम विभाग ने गर्मी के मौसम को लेकर अपना लेटेस्ट अपडेट जारी किया है। इसके मुताबिक दक्षिण प्रायद्वीप और उत्तर पश्चिम के कुछ हिस्सों को छोड़कर भारत के अधिकांश हिस्सों में अप्रैल से जून तक सामान्य से अधिक अधिकतम तापमान हो सकता है। वहीं उत्तर पश्चिम भारत में सामान्य से सामान्य से नीचे अधिकतम तापमान रहने की संभावना है।

इस साल ज्यादा होगी गर्मी

मौसम विभाग का कहना हैं कि, बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब और हरियाणा में इस साल ज्यादा दिनों तक लू चल सकती है। वहीं अप्रैल से जून के बीच देश के अधिकतर हिस्सों में सामान्य से ज्यादा गर्मी हो सकती है। अप्रैल महीने में बारिश नॉर्मल रह सकती है। वहीं पूर्वी और उत्तर पूर्वी इलाकों में बारिश नॉर्मल से कम हो सकती है।

अल नीनो का रहेगा असर

बताया जा रहा हैं कि, काफी समय बाद इस साल अल नीनो का असर देखा जा सकेगा। इस एक्टिविटी का असर मौसम पर पड़ता है। माना जा रहा है कि अल नीनो के असर से इस साल तापमान में बढ़ोतरी हो सकती है। अल नीनो से Pacific Ocean के सतह के तामपान में समय-समय पर बदलाव होता है। इसका असर दुनिया भर के मौसम पर पड़ता है। जब एल नीनो आता है, तब प्रशांत महासागर के ऊपर सतह का तापमान सामान्य से थोड़ा अधिक गर्म हो जाता है। इसकी असर से जून से सितंबर के दौरान ग्रीष्मकालीन मानसून को कमजोर करने और कई हिस्सों में सूखे की संभावना हो सकती है।

हालांकि, आईएमडी अप्रैल के मध्य में मानसून का पहला पूर्वानुमान जारी करेगा।