सर्दियों की शुरुआत में कोरोना फिर कर सकता है वार… तीसरी लहर की आशंका..

कोरोना महामारी से इस वक्त पूरा देश लड़ रहा है, लेकिन देश की राजधानी संक्रमण के दूसरी लहर से लड़ रही है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि दिल्ली अगले कुछ दिनों में तीसरी लहर भी देख सकती है। वजह है 15 दिन बाद त्योहार शुरू होना। आशंका जताई जा रही है कि दीपावली, नवरात्र समेत अन्य त्योहारों के साथ-साथ सर्दी के आगाज से संक्रमण की गति में बदलाव हो सकता है। अगर ऐसा होता है तो दिल्ली में तीसरी बार कोरोना की रफ्तार देखने को मिल सकती है।

आईएमए के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. के के अग्रवाल का कहना है कि त्योहारी सीजन में लोगों ने सतर्कता नहीं बरती तो संक्रमण का प्रसार बढ़ सकता है। नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल का कहना है कि दिल्ली ही नहीं, बल्कि सभी राज्यों को त्योहार के वक्त सतर्कता बरतने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अगर आने वाले दिनों में सतर्क नहीं रहे तो अब तक जो भी मेहनत की है उस पर पानी फिर सकता है।

दिल्ली में फिलहाल कोरोना का दूसरा पीक चल रहा है। बीते 16 सितंबर से राजधानी में रोजाना मिलने वाले संक्रमित मरीजों में बढ़ोतरी दर्ज की गई। इतना ही नहीं इसी पीक में दिल्ली में एक दिन में साढ़े चार हजार मरीज मिलने का रिकॉर्ड भी दर्ज किया गया। राहत की बात यह है कि बीते एक सप्ताह से संक्रमण दर में कमी आई है। दिल्ली के अलावा केरल, पंजाब, तमिलनाडु और तेलंगाना ऐसे राज्य हैं जहां कोरोना का दूसरा पीक देखने को मिल रहा है।

अंतिम दस दिनों के आधार पर रोजाना जारी होने वाली मृत्यु दर में लगातार वृद्धि जारी है। कोरोना से छह अक्तूबर तक 5581 मरीजों की मौत हो चुकी है। दिल्ली में रोजाना 30 से अधिक मौत का सिलसिला जारी है। 29 सितंबर को मौत का यह आंकड़ा 48 तक पहुंच गया, जबकि इस बीच सबसे कम 32 मौत पांच अक्तूबर को देखने को मिली है।

स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का कहना है कि दिल्ली में कोरोना के दूसरे पीक में कमी देखने को मिल रही है। दिल्ली में पहली बार संक्रमण दर में कमी देखी गई है। उन्होंने कहा कि पिछले दो सप्ताह के औसतन मरीजों पर गौर करें तो कोरोना का ग्राफ गिर रहा है। जब दिल्ली में कोरोना का पहला पीक था तो उस दौरान भी ऐसे ही ग्राफ नजर आया था।

दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े बताते हैं कि कोरोना के पहले या दूसरे पीक का स्वस्थ होने वालों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। राजधानी में रिकवरी दर निरंतर बढ़ती जा रही है। आठ सितंबर के बाद से ही रोजाना डिस्चॉर्ज होने वाले मरीजों की संख्या बढ़ी है। आठ सितंबर को दिल्ली में 1756 मरीजों को डिस्चॉर्ज किया था।