रायपुर: उत्तर-प्रदेश के हाथरस में बाल्मिकी समुदाय के 19 वर्षीय लड़की के साथ बलात्कार व हत्या की घटना की जितनी भी निंदा की जाय उतनी ही कम है। लेकिन केवल निंदा करने से बच्चियों को इंसाफ नहीं मिलेगा इसके लिए प्रशासन को कोई ठोस कानून बनाना पड़ेगा। जब तक ऐसा नहीं होता है तब तक कोई भी बच्ची यहां सुरक्षित नहीं होगी। गंभीर बात ये नहीं है कि यहां हाथरस की बेटी को मां बाप से नहीं मिलने दिया गया, या फिर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को गिरफ्तार कर लिया गया बल्कि ये है कि इन सारी बातों को बढ़ा कर न्यूज़ में दिखाने से बच्चियों को इंसाफ नहीं मिलेगा। अच्छा होगा की सरकार इन सारी बातों में अपना समय ना गवा कर कोई ठोस कदम उठाए।
वहीं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा जारी निर्देशानुसार 5 अक्टूबर 2020 सोमवार को प्रदेश के समस्त जिला मुख्यालयों में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर प्रतिमा महत्वपूर्ण स्थल पर सुबह 11 बजे से एक दिवसीय मौन सत्याग्रह आंदोलन का आयोजन किया जा रहा है।लेकिन सवाल ये उठता है कि यूपी में घटना हुई तब उसके लिए आंदोलन हो रहे हैं हर प्रकार से प्रदर्शन किए जा रहे हैं..लेकिन जो छत्तीसगढ़ के बलरामपुर में नाबालिक के साथ गैंग रेप हुआ है..उसका जिक्र कही क्यों नहीं मिल रहा है?
क्या यहां की बेटी का रेप रेप नहीं है? यहां भी राहुल गांधी को आना चाहिए और यहां भी आंदोलन करना चाहिए लेकिन ऐसा क्यों नहीं हो रहा, प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है इसलिए ? सायाद सत्ताधारी दल ये भूल चुकी है कि छत्तीसगढ़ में भी एक बच्ची इस घटना का शिकर हुई है, वैसे भी मंत्री जी ने यहां की घटना को छोटा करार दिया है सयाद उनके लिए इस बेटी का रेप कोई बड़ी बात नहीं है, और यूपी की बेटी का रेप बहुत बड़ा अपराध है, क्योंकि वहां भाजपा की सरकार है। तमाम प्रदर्शन और आंदोलन किए जा रहे हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ की बेटी के साथ भी गलत हुआ है उसके परिवार वाले भी दुःखी है.. क्या उनके घर कोई नहीं जाएगा उनका हाल चाल पुंछने?
नेताओं लिए कोई घटना , घटना नहीं होती बस एक बहाना होता है कि कैसे दूसरे दल वालों को नीचा दिखाया जाए..लेकिन इन सब में लोग असली मुद्दे को भूल ही जाते हैं , यहां पर बात है बेटियों की सुरक्षा की, उनके सम्मान की और सबसे बड़ी जिममेदारी है उन्हें बचाने की। पहले लोग भ्रूण हत्या करके बच्ची को मारते थे लेकिन अब जन्म लेकर बेटियां दरिंदों के हाथ से नोच ली जाती हैं । क्या कभी वो दिन आएगा जब बेटियां सुरक्षित होंगी?