लखनऊ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को काला झंडा दिखाने का प्रयास करने के बाद चर्चा में आई कांग्रेस की नेता रीता यादव को पुलिस ने खुद पर हमला करवाने के आरोप में जेल भेज दिया. हाल ही में हुए एक गोलीकांड की तफ्तीश के आधार पर पुलिस ने बुधवार को चौंकाने वाले तथ्य उजागर करते हुए बताया कि रीता यादव ने विधानसभा का टिकट पाने के लिए खुद पर गोली चलवाई थी. पुलिस ने रीता यादव सहित तीन को जेल भेज दिया है. रीता के साथ उनका ड्राइवर मुस्तकीम और धर्मेंद यादव को भी पुलिस ने इस साजिश में शामिल होने के आधार पर जेल भेजा है.
पुलिस ने बताया कि गत 3 जनवरी की शाम को लंभुआ कस्बे के लखनऊ-वाराणसी बाईपास ओवर ब्रिज पर अज्ञात बाइक सवार व्यक्तियों द्वारा सुलतानपुर के सुनावा लालू का पुरवा निवासी, रीता यादव (35) को गोली मारने की घटना घटित हुई थी. हाल ही में सपा से कांग्रेस में आईं रीता यादव को इस हमले में बाएं पैर में गोली लगी थी. जिसमें पुलिस ने आईपीसी की धारा 307 के तहत मामला दर्ज किया था. पुलिस ने प्राथमिक जांच और स्थानीय लोगों से पूछताछ के आधार पर मामले के तथ्यों को उजागर करते हुए रीता यादव सहित तीन को गिरफ्तार कर लिया. साथ ही धर्मेंद्र यादव के कब्जे से घटना मे प्रयुक्त एक अदद अवैध तमंचा कारतूस बरामद किए.
पकड़े गए आरोपियों ने पुलिस को पूछताछ में बताया रीता यादव ने अपने जानने वाले पूर्व ग्राम प्रधान माधव यादव के साथ सुनियोजित तरीके से आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी से टिकट पाने के लिए इस वारदात को अंजाम दिया. ज्ञात हो कि पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के लोकार्पण कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी को रीता यादव ने काला झंडा दिखाने का प्रयास किया था. उस समय वह समाजवादी पार्टी की नेता थीं. इसके बाद कांग्रेस की सदस्यता ले ली.
कांग्रेस पार्टी ने रीता यादव को गोली लगने के बाद इस मुद्दे को जोरशोर से उठाया था. अस्पताल में पड़ीं रीता यादव की तस्वीर साझा करते हुए पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर घटना की आलोचना की गई. प्रदेश में गुंडाराज बताया गया था.