छत्तीसगढ़: नये चेहरे पर दांव के फार्मूले ने बिगाड़ा जातिगत समीकरण… सामाजिक बहुलता के बाद भी हारे पूर्व मंत्री साहू.. कभी कांग्रेस का हुआ करता था राज

महासमुंद. छत्तीसगढ़ का महासमुंद लोकसभा सीट अविभाजित मध्यप्रदेश के जमाने से चर्चाओं में रहा है. इस सीट पर भी भाजपा ने जीत दर्ज की है. इस सीट पर कांग्रेस ने पूर्व मंत्री ताम्रध्वज साहू को चुनाव मैदान में उतारा था. जबकि भाजपा ने महिला नेत्री रूपकुमारी चौधरी को अपना प्रत्याशी बनाया था. जातिगत समीकरण के हिसाब से सबसे महत्वपूर्ण माने जाने वाले इस से भाजपा की रूपकुमारी चौधरी ने 140865 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की है और भाजपा ने इस सीट पर अपनी बादशाहत बरकरार रखी है.

बता दें कि, महासमुंद लोकसभा सीट को देश में पहचान पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल के नाम से मिली थी. शुक्ल इस सीट से लगातार 7 बार सांसद रहे. इसके अलावा इस सीट से पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी भी कांग्रेस की टिकट पर सांसद चुने गये थे.

महासमुंद लोकसभा सीट में ओबीसी बाहुल्य सीट है. जहाँ साहू व कुर्मी समाज के वोटरों की बहुलता है. और यही वजह है कि इस सीट पर भाजपा बीते कुछ वर्षों पूर्व से प्रयोग करते हुए साहू समाज के नेताओ पर अपना दांव लगाते आ रही है. हालांकि विद्याचरण शुक्ल ही एक ऐसे नेता रहे है. जिन्होंने इस सीट पर कांग्रेस और भाजपा दोनों की टिकट पर अलग-अलग लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ने स उन्हें हार का सामना करना पड़ा. खैर इस सीट से भाजपा की टिकट पर प्रदेश के पूर्व मंत्री चंद्रशेखर साहू, चंदूलाल साहू, चुन्नीलाल साहू सांसद चुने गये थे.

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