छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पेगासस जासूसी मामले में बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि पेगासस बनाने वाली कंपनी के अधिकारी छत्तीसगढ़ आए थे और कुछ लोगों से संपर्क किया था। इसलिए हमने एक जांच समिति गठित की है। उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम रमन सिंह खुलासा करें कि वे किससे मिले और किस तरह का सौदा किया।
बघेल ने कहा कि भारत सरकार को बताना चाहिए कि उनकी डील हुई कि नहीं हुई? डील हुई तो किससे हुई? उन्होंने मंत्रियों, विपक्ष के नेताओं, पत्रकारों और अन्य लोगों की जासूसी कराया। आखिर उनका उद्देश्य क्या था?
बता दें कि इससे पहले वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री कपिल सिब्बल ने पेगासस जासूसी मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में कराने की मांग की है। साथ ही सरकार से इस पर संसद में श्वेतपत्र जारी कर यह बताने की मांग की कि इसमें इजाराइली स्पाइवेयर का इस्तेमाल हुआ या नहीं।
गौरतलब है कि मीडिया संस्थानों के अंतरराष्ट्रीय संगठन ने खुलासा किया है कि केवल सरकारी एजेंसियों को ही बेचे जाने वाले इजराइल के जासूसी साफ्टवेयर के जरिए भारत के दो केन्द्रीय मंत्रियों, 40 से अधिक पत्रकारों, विपक्ष के तीन नेताओं और एक न्यायाधीश सहित बड़ी संख्या में कारोबारियों और अधिकार कार्यकर्ताओं के 300 से अधिक मोबाइल नंबर, हो सकता है कि हैक किए गए हों। यह रिपोर्ट रविवार को सामने आई है। वहीं सरकार ने अपने स्तर पर खास लोगों की निगरानी संबंधी आरोपों को खारिज किया है। सरकार ने कहा कि इसका कोई ठोस आधार नहीं है या इससे जुड़ी कोई सच्चाई नहीं है।