कई बार हम लाख कोशिश करने व तरीके अपनाने के बावजूद अपने करियर को मनचाहा ट्रैक नहीं दे पाते या बॉस हमारे काम से संतुष्ट नहीं हो पाते। नतीजा तेज रफ्तार दौड़ने की बजाय हांफते हुए चलते हैं या अप्रेजल के दौरान बॉस की निगाह हमारे ऊपर नहीं पड़ती। इससे पूरे साल की जी-तोड़ मेहनत के बाद निराशा हाथ लगती है और हम अपने करियर में बदलाव के बारे में सोचने लगते हैं।
एक सर्वे रिपोर्ट कीमानें तो करीब 75 प्रतिशत से ज्यादा युवा मनचाही तरक्की न मिलने पर उसके बदलाव के बारे में सोचने लगते हैं, वहीं अधिकांश प्रोफेशनल्स ऐसे भी हैं, जो उसी जॉब में रहते हुए बेहतरी की उम्मीद करते हैं। उन्हें लगता है कि अपनी कोशिश और क्षमता की बदौलत वे सकारात्मक परिणाम दे पाने में सफल होंगे। यह सोचना बिल्कुल भी गलत नहीं है, लेकिन यह सब कुछ अपने आप पटरी पर नहीं आ पाता।
ऐसे में सवाल यह उठता है कि हम ऐसा क्या करें कि हमारा करियर ट्रैक पर आ जाए और हम अपनी पिछली गलतियों को दोहराने से बच जाएं। इसके लिए सबसे पहले हमें खुद को यह भरोसा दिलाना होगा कि हमारे अंदर इतनी ऊर्जा और क्षमता है कि अपने करियर का मेकओवर करते हुए अपने लिए मनचाहा लक्ष्य हासिल कर सकते हैं। यही है ‘इंटरनल करियर ऑडिट।’
रणनीति से मिलती है सफलता
जानकारियों के अभाव में हम ऐसी कई गलतियां कर बैठते हैं, जिनकी वजह से लक्ष्य से दूर होते चले जाते हैं। इसलिए हमें मन में यह गांठ बांधनी होगी कि सफलता कोई घटना नहीं है, जिसके परिणाम तत्काल सामने आ जाएंगे। इसके लिए पूरी प्लानिंग करनी होती है। इस समय करियर में तेजी से बदलाव हो रहा है और प्रतिस्पर्धा भरे माहौल में हमें उन सभी जरूरी अवयवों (कंपोनेंट्स) को समझना होगा।
जिम्मेदारी भी आपकी
जिंदगी हमें आगे बढ़ने के कई अवसर देती है। कई बार हम उसके इशारे को समझते हुए अपने अंदर आमूलचूल बदलाव लाते हैं, जबकि कई बार हम उन इशारों को या तो समझ नहीं पाते या जानबूझ कर नजरअंदाज कर देते हैं। दरअसल ये सारी बातें जिम्मेदारी से जुड़ी होती हैं। असफलता या मनचाही सफलता हासिल न कर पाने के बाद समस्याओं का बहाना न बनाते हुए यह जिम्मेदारी लें कि आप जल्द उन कमियों को दूर करते हुए करियर को सही दिशा में ले जाने का सतत् प्रयास करेंगे।
विकल्पों की सूची
हर करियर का अपना दिशा-निर्देश और सीमाएं होती हैं। जीवन में आगे बढ़ने के लिए सबसे पहले हमें उन्हें समझना होगा, क्योंकि किसी भी सफलता की 80 प्रतिशत बुनियाद इस बात पर टिकी होती है कि हमारे अंदर कितनी क्षमता है और हम मन से क्या चाहते हैं। यह भी जानना जरूरी है कि हम करियर के किन-किन क्षेत्रों में बेहतर कार्य कर सकते हैं। अपने विकल्पों की सूची तैयार करें और उसमें जो कुछ भी अपने मुताबिक लगे, उसी दिशा में काम करने की
कोशिश करें।
लक्ष्य तक पहुंचने का हो नजरिया
सफलता पाने का या खुद में बदलाव लाने का एक तरीका यह भी है कि हम अपने लिए जरूरी साक्ष्यों की तलाश करें। करियर की आपाधापी या जल्दबाजी के चक्कर में अकसर लोग ऐसे क्षेत्र में चले जाते हैं, जहां उनकी पसंद या मनमुताबिक काम नहीं होता या प्रमोशन पाने के लालच में वे ऐसे काम से खुद को लाद बैठते हैं, जो उनकी रुचि में आता ही नहीं है। इसका दुष्परिणाम यह होता है कि हम अपने लक्ष्य से भटकने लगते हैं। तीर तभी सही निशाने पर लगेगा, जब हमारा फोकस, डायरेक्शन और सकारात्मक ऊर्जा सही दिशा में काम करेंगे, अन्यथा हम खुद को असफल मानते हुए कोसते रहेंगे।
खुली आंखों से देखें सपने
हमें यह कतई नहीं भूलना होगा कि हम करियर के उस मुकाम पर खड़े हैं, जहां हमें कुछ बदलाव करने की जरूरत है। हमें यह स्पष्ट करना होगा कि वे कौन से कदम उठाने हैं, जो करियर में आगे की ओर ले जाएंगे। इसमें जरा भी देरी और लापरवाही खतरनाक साबित हो सकती है। जब आप सकारात्मक प्रयास करेंगे तो तमाम ऐसे रास्ते निकलेंगे, जो आपको लक्ष्य तक पहुंचाने में मदद करेंगे।
नकारात्मकता से बचें
‘मैं कभी प्रमोशन नहीं पा सकता’ या ‘मैं कभी मैनेजर नहीं बन पाऊंगा’ आदि कई तरह की नकारात्मक बातें हैं, जो मनमुताबिक अप्रेजल न होने या तरक्की की राह बाधित होने पर सामने आती हैं। निश्चित तौर पर ये बातें किसी भी प्रोफेशनल के आगे बढ़ने में बाधक हैं। दरअसल मनचाहा प्रमोशन न पाने या अप्रेजल ठीक से न होने पर नकारात्मक पहलू तेजी से मन-मस्तिष्क में पैठ बनाते हैं। ये रह-रह कर शब्दों के जरिए हमारे अंदर से निकलते रहते हैं। इसे किसी भी सूरत में उचित नहीं कहा जा सकता।
स्पष्टता हो
बतौर प्रोफेशनल आप अपने मजबूत क्षेत्रों में खुद को पहचानें। पूर्व में कुछ अच्छा किया है तो उसे भी सामने लाएं। साथ ही यह भी जाहिर करें कि आप किन क्षेत्रों में कुछ अच्छा करना चाहते हैं। आपको किसी तरह की ट्रेनिंग की जरूरत है तो उसे भी अपने बॉस से नि:संकोच कहें, लेकिन एक बात यह भी स्पष्ट होनी चाहिए कि जिन क्षेत्रों में आप कुछ करना चाहते हैं, उन्हें लेकर आपके पास एक प्लान होना चाहिए, ताकि आपके बॉस व संस्थान को भी लगे कि आप अपनी तरक्की के प्रति संजीदा हैं और संस्थान के प्रति प्रतिबद्ध।
सफल लोगों के सम्पर्क में रहें
यदि आप खुद में बदलाव के लिए गंभीर हैं तो आपको कम से कम एक ऐसे व्यक्ति के सम्पर्क में रहना होगा, जो अपने कार्यक्षेत्र में सफलता की बुलंदी पर पहुंच चुका है। यह व्यक्ति आपका रोल मॉडल भी हो सकता है। आप इसके साथ समय व्यतीत करें और अपनी कमियां-अच्छाइयां जानें। आपके सम्पर्क अच्छे होंगे तो वह आपके पीछे दृढ़ता से खड़ा रहेगा। साथ ही उससे यह भी समझने का प्रयास करें कि किस तरह आप अपने अंदर सफलता पाने की खूबियां समाहित कर सकते हैं। ऐसे कई करियर काउंसलर या डेवलपमेंट प्रोग्राम हैं, जिनके जरिए आप अपने करियर को व्यवस्थित कर दोबारा पटरी पर ला सकते हैं।
इमेज मेकओवर भी जरूरी
करियर में रुकावट को खत्म करते हुए दोबारा आगे बढ़ने के लिए खुद से संकल्प लें, अपने आप को साबित करने के लिए लगातार कोशिश करें। इसी को बदलाव का सबसे उचित समय मानते हुए खुद से सवाल करें कि आप किस तरह से अपनी आदतों में नयापन ला सकते हैं। इस कड़ी में अपने बाल, चश्मे, मेकअप, कपड़े, जूते, बैठने व बातचीत का तरीका, मुस्कराहट आदि पर भी काम कर सकते हैं। आप जल्द ही महसूस करेंगे कि कई छोटी-मोटी दिक्कतें अपने आप दूर चली गईं और आप उसी करियर में खुद को मजबूत स्थिति में खड़ा पाएंगे।