रायपुर. छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा हैं, और इसकी जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से दी हैं। डॉ रमन ने अपने ट्विटर हैंडल पर ट्वीट कर लिखा कि ‘छत्तीसगढ़ के गरीबों की थाली से चावल चुराने वाले दाऊ
@bhupeshbaghel का भ्रष्टाचार उजागर हो चुका है। प्रदेश में हुए 68,900 मीट्रिक टन चावल घोटाले पर आज केन्द्रीय @fooddeptgoi
मंत्री श्री @PiyushGoyal
जी को पत्र लिखकर CBI जांच की मांग की, जिससे भ्रष्टाचारियों की हकीक़त सामने आ सके’
बता दें कि, एक दिन पहले ही शनिवार को डॉ रमन ने इस मामलें में प्रेस विज्ञप्ति भी जारी की थी और लिखा था कि कांग्रेस ने गरीबों का निवाला छीना है। औऱ ये घोटाला विभाग, मंत्री सबकी मिली भगत से हुआ है। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि पीडीएस का घोटाला छत्तीसगढ़ का अब तक का सबसे बड़ा घोटाला है, क्योंकि गरीब के निवाले का चावल छीनने और गरीबों के चावल में डाका डालने का काम कांग्रेस सरकार ने किया है। डॉ. सिंह ने कहा कि विधानसभा में इस संबंध में जब आंकड़े प्रस्तुत किए गए तो उसमें पाया गया कि खाद्य विभाग के डेटाबेस में 1.65 लाख मीट्रिक टन चावल और जिले के डेटाबेस में 96 हजार मीट्रिक टन चावल दर्ज है।
प्रदेश सरकार को यह बताना चाहिए कि 68 हजार मीट्रिक टन चावल का यह अंतर क्यों आ रहा है और 600 करोड रुपए का चावल कहां गया?
भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वह पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने कहा कि इस पूरी प्रक्रिया में फूड इंस्पेक्टर को डाटा दर्ज करना था और उसकी जानकारी संचालनालय को देनी थी। फूड इंस्पेक्टर का कहना है कि पूरे डाटा दर्ज कर संचालनालय को जानकारी दी थी, तो इसका साफ मतलब है कि 1 साल से चल रहा यह पूरा घोटाला संचालनालय की जानकारी में था लेकिन कार्रवाई नहीं की गई। अब प्रदेश सरकार घपला किए गए 600 करोड़ रुपए की वसूली के लिए सीधे-सीधे राशन दुकानों और गरीबों को इसका शिकार बना रही हैं। डॉ. सिंह ने कहा कि यदि प्रदेश सरकार और खाद्य विभाग इसके लिए दोषी है तो 2 माह का राशन देने के बाद तीसरे माह के राशन में अतिशेष आवर्तीयो का समायोजन होता है। यह प्रक्रिया भाजपा के शासनकाल से चली आ रही हैं। जिसे कांग्रेस के प्रदेश सरकार ने खत्म कर दिया हैं। अतिशेष के रिकॉर्ड में और जो जानकारी विभाग संचालनालय को भेजता हैं। उसकी अवहेलना की गई है। तो कुल मिलाकर विभाग, संचालनालय और मंत्रियों की यह मिलीभगत है, और अब छोटे-छोटे राशन दुकानदारों को इसकी वसूली केयू लिए शिकार बनाया जा रहा है। किसी राशन दुकान में चावल ज्यादा है तो यह किसकी गलती है? क्या फूड इंस्पेक्टर को मालूम नहीं है कि उसके पास भंडारण क्षमता नहीं है?
भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ के पीडीएस सिस्टम की कभी मिसालें दी जाती थीं। लेकिन, आज इस सिस्टम को इस कदर बदनाम कर दिया है कि छत्तीसगढ़ देश में पिछड़ गया है। एक तो प्रदेश सरकार व कांग्रेस के लोग भ्रष्टाचार में लिप्त होकर इसमें गड़बड़ी कर रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 5 किलो मुफ्त चावल देने की जो योजना हैं। उसमें भी घोटाला करके प्रति व्यक्ति 5 किलो चावल देने के बजाय प्रति परिवार 5 किलो चावल दिया गया। प्रदेश भाजपा इन सारी बातों की शिकायत केंद्र सरकार व केंद्रीय खाद्य मंत्री से करेगी। डॉ. सिंह ने कहा कि पीडीएस घोटाले के मद्देनजर 13 हजार से ज्यादा दुकानों का सर्वे किया गया। 59 हजार मीट्रिक टन चावल के मामले में 600 से ज्यादा दुकानें प्रभावित हुई। क्या राशन दुकानों की मॉनिटरिंग करने का काम विभाग नहीं कर रहा है? विभाग और संचालनालय ने हजारों मीट्रिक टन चावल के घोटाले में संज्ञान क्यों नहीं लिया?