रायपुर…कांग्रेस प्रभारी कुमारी शैलजा के अचानक दौरे पर सियासत शुरू हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा प्रदेश में इतनी हलचल है कुछ विषय तो ज़रूर है, कांग्रेस मुख्यालय को भी शैलजा के दौरे की जानकारी नही थी। छत्तीसगढ़ में भले ही विधानसभा का चुनाव साल ले अंत में प्रस्तावित हो मगर मौजूदा हलचल कुछ ही राजनीतिक कहानी बयां कर रही है। मसलन कांग्रेस प्रभारी कुमारी शैलजा 15 मई की सुबह रायपुर आती है तो कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन को भी इसकी जानकारी नहीं होती है। तो वहीं पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह तंज कसते हुए कहते हैं कि, मौजूदा हलचल में कोई विषय तो ज़रूर लेकर आई होंगी।
कर्नाटक चुनाव परिणाम कांग्रेस के पक्ष में आने के बाद छत्तीसगढ़ कांग्रेस गदगद नज़र आ रही है। मगर पार्टी के भीतर चल रहे हलचल पर अब ऊपरी सियासत भी शुरू हो गई हों। दरअसल, कांग्रेस प्रभारी कुमारी शैलजा बिना कोई कार्यक्रम जारी किए मंगलवार की सुबह अचानक रायपुर पहुंच जाती हैं। जिस पर कांग्रेस भले कुछ कहे या ना कहें मगर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह तंज कसते हुए कहते हैं कि, प्रभारी आते हैं, तो कुछ ना कुछ विषय को लेकर आते है। प्रदेश में हलचल हो रही है। एक महत्वपूर्ण विषय वो भी है साथ ही यह भी कहते हैं कि, छत्तीसगढ़ में करप्शन रोज-रोज उजागर हो रहे हैं। दो हजार करोड़ का शराब घोटाला प्रूफ हो गया है। न्यायालय में प्रस्तुत हो गया है। सरकार के संरक्षण में सिंडीकेट ने 30 फीसदी अवैध शराब बेची अब इससे बड़े प्रमाण की जरूरत नहीं है। वहीं, सरकार और नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए कहते हैं कि, अब केंद्रीय नेतृत्व को फैसला लेना है कि ऐसे व्यक्ति को पद में बने रहने का अधिकार है कि नहीं।
अपने ही प्रभारी के दौरे की छत्तीसगढ़ कांग्रेस को पूर्व में जानकारी थी या नहीं यह तो सवाल बना ही हुआ है। मगर इन सवालों के बीच रमन सिंह के तंज पर पलटवार करते हुए संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला कहते हैं कि, रमन सिंह को पहले 4400 करोड़ के घोटाले पर सीधा सीधा जवाब देना चाहिए। हमारी प्रभारी आती संगठन को और अधिक मजबूत करने, संगठन की आगामी तैयारियों पर चर्चा होती है, और वैसे भी बीजेपी अब डूबती जहाज हो गई है। कर्नाटक के चुनाव परिणाम ने छत्तीसगढ़ के परिणाम का संकेत दे दिया है। तो ऐसे में घबराई और डरी सहमी भाजपा इस कदर मुद्दा विहीन हो गई है कि, हमारे प्रभारी के आने-जाने पर बयानबाजी करने लगे हैं।
छत्तीसगढ़ में सियासी पारा गर्मी के पारे की तरह ही हाई है और यही वजह हैं पक्ष हो या विपक्ष एक-दूसरे पर हमला करने का एक भी मौका नहीं छोड़ना चाह रही है। बहरहाल, कुमारी शैलजा किस एजेंडे के तहत् रायपुर आई हैं। वह तो देर सबेर पता चल ही जाएगा। लेकिन, फिलहाल राजनीतिक बयानबाजियां गरमाई हुई है।