बिहार। बलिया में बुधवार को जिला विकास समन्वय एवं अनुश्रवण समिति (दिशा) की बैठक के दौरान भाजपा सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त और विधायक सुरेंद्र सिंह आपस में ही भिड़ गए। उस वक्त बैठक में मंत्री आनंद शुक्ल भी मौजूद थे। दोनों में गाली गलौच भी हुई। इससे पहले कि मामला और बिगड़ता पुलिस मौके पर पहुंच गई और दोनों पक्षों को अलग किया गया।
बताया जाता है कि बैठक के दौरान बलिया के सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह को कुछ बोलने से रोका तो मामला बिगड़ गया। इसी के बाद सुरेंद्र सिंह ने तेज आवाज में बोलना शुरू किया तो सांसद समर्थक काफी लोग अंदर आ गए। इससे माहौल और गर्म हो गया।
मामला बिगड़ते देख बाहर मौजूद पुलिस को सूचना दी गई। अंदर पहुंची पुलिस ने दोनों पक्षों को किसी तरह अलग किया। इसी बीच राज्यमंत्री आनंद शुक्ल और विधायक सुरेंद्र सिंह बैठक छोड़कर बाहर आ गए। सांसद ने किसी तरह बैठक की औपचारिकता पूरी की।
सुरेंद्र सिंह ने बाहर आने के बाद कहा कि सांसद चाहते थे कि उनके ही लोग बैठक में रहें। दिशा की बैठक के लिए एक सूची होती है। उस सूची के अनुसार ही लोगों को बैठने दिया जाना चाहिए। लेकिन वह जिसे चाहते हैं उसी को बैठाते हैं। उन्होंने कहा कि बैठक में बलिया सांसद मनमानी कर रहे थे। सुरेंद्र सिंह ने कहा कि हम लोगों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया है। इस तरह की मनमानी नहीं चलेगी। बैठक में जनप्रतिनिधियों को बुलाया जाता है और उन्हें पूरा सम्मान देते हुए उनकी बातों को सुना जाता है।
विधायक ने अपनी ही पार्टी के सांसद को कहा भूमाफिया
इससे पहले बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह ने अपनी ही पार्टी के सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए उनपर भूमाफिया होने का आरोप लगाया और कहा कि वह सांसद और जिलाधिकारी की बुद्धि-शुद्धि के लिए 101 घंटे तक उपवास करेंगे।
विधायक ने जिलाधिकारी एचपी शाही पर सांसद के दबाव में काम करने का भी आरोप लगाया। जिले के बैरिया क्षेत्र के विधायक सिंह ने मंगलवार रात अपने आवास पर संवाददाताओं से बातचीत करते हुए बलिया से बीजेपी सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त पर तीखे हमले किये और उन्हें ‘भूमाफिया’ करार दिया।
उन्होंने आरोप लगाया कि सांसद ने खुद और अपने बेटे और भाई एवं भतीजे के नाम पर बैरिया क्षेत्र के बाबु के शिवपुर गांव के विजय बहादुर सिंह की 18 एकड़ से ज्यादा भूमि धोखाधड़ी के जरिये हथिया ली है। उन्होंने आरोपों के संबंध में कोई साक्ष्य नहीं दिए।
सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि जिलाधिकारी एच. पी. शाही सत्ता के दबाव में डरे हुए हैं। उन्होंने सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त और जिलाधिकारी शाही की ‘बुद्धि-शुद्धि’ के लिए जिलाधिकारी कार्यालय पर जल्द ही 101 घंटे के उपवास का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि उपवास के दिन और तारीख का जल्द ही ऐलान किया जाएगा।
मैं यूपी का सबसे शक्तिशाली सांसद- वीरेंद्र सिंह मस्त
इस बीच भाजपा सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने विधायक सुरेंद्र सिंह के इस बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उनका नाम लिए बगैर एक कार्यक्रम में कहा कि वह उत्तर प्रदेश के सबसे शक्तिशाली सांसद हैं, अगर वह खामोश है तो इसे उनकी कमजोरी न समझा जाए। उन्होंने सिंह पर परोक्ष कटाक्ष करते हुए कहा कि समाज में नफरत फैलाकर कोई समाज का भला नहीं कर पाता है। मैं नहीं बोलता हूं तो इसका मतलब यह हरगिज नहीं है कि मैं डरता हूं।
सुरेंद्र सिंह के आरोप पर भाजपा सांसद मस्त के निजी सचिव अमन सिंह ने कहा कि भाजपा विधायक मानसिक रूप से दिवालिया हो गए हैं। सिंह को मीडिया के समक्ष आरोप लगाने के बजाय कानून के प्रावधान के तहत लड़ाई लड़नी चाहिए। वहीं, इस संबंध में जिलाधिकारी की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली सकी है।