उत्तरप्रदेश के लखनऊ में एटीएस ने बड़ी आतंकी साज़िश को नाकाम करने में सफलता हासिल की है। एटीएस ने अलकायदा के अंसार गजवत-उल-हिंद से जुड़े दो आतंकियों को गिरफ्तार किया है। ये आतंकी 15 अगस्त के पहले उत्तर प्रदेश में बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में थे। इनके पास से हथियार और विस्फोटक भी बरामद किए गए हैं।
एडीजी (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया, ”उमर हलमंडी नाम के हैंडलर को भारत में आतंकवादी गतिविधियों को संचालित करने के लिए निर्देश दिए गए थे। उमर हलमंडी पाकिस्तान-अफगानिस्तान बॉर्डर क्षेत्र से आतंकवादी गतिविधियां चलाता है। उमर हलमंडी द्वारा भारत में आतंकियों की भर्ती करने और उन्हें रेडिक्लाइज करने का काम किया जा रहा था। उसने कुछ जिहादी प्रवृत्ति के लोगों को लखनऊ में चिन्हित और नियुक्त करके अल-कायदा के मॉड्यूल को खड़ा किया। प्रमुख सदस्यों में मिन्हाज, मसीरुद्दीन व शकील का नाम सामने आया है।”
15 अगस्त से पहले थी ब्लास्ट की तैयारी उन्होंने दावा किया कि इस मॉड्यूल ने उमर हलमंडी के निर्देश पर अपने अन्य सहयोगियों की मदद से 15 अगस्त से पहले यूपी के विभिन्न शहरों, जिसमें खासतौर पर लखनऊ केभीड़-भाड़ वाले इलाकों में मानव बम के जरिए विस्फोट करने की योजना बनाई थी। इसके लिए संदिग्धों ने विस्फोटक भी इकट्ठा किया था।
लखनऊ में कभी भी आतंकवादी घटना की जा सकती थी उन्होंने बताया कि ब्लास्ट की योजना बनाने में सिराज अहमद का बेटा मिन्हाज अहमद और अमीनुद्दीन का बेटा मसीरुद्दीन मुख्य भूमिका निभा रहे थे। इस आतंकवादी गिरोह में लखनऊ, कानपुर के इनके अन्य साथी भी शामिल हैं। आतंकियों के द्वारा लखनऊ में कभी भी बड़ी घटना की जा सकती थी। जानकारी मिलने के बाद गंभीरता को देखते हुए आतंकवादियों की गिरफ्तारी के लिए वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा टीमों का गठित कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। उन्होंने बताया कि सर्च ऑपरेशन में विस्फोटक पदार्थ व एक पिस्टल बरामद हुई है, जिसके बारे में और जानकारी इकट्ठा की जा रही है। बरामद आईईडी को बम डिस्पोजल की टीम की मदद से निष्क्रिय कराया जा रहा। दूसरी टीम ने अमीनुद्दीन के घर पर दबिश दी तो आरोपी के घर से भी भारी मात्रा में विस्फोटक पदार्थ बरामद हुआ। फिलहाल एटीएस संदिग्ध आतंकियों से पूछताछ कर रही है। इसके अलावा अन्य टीमें आतंकवादियों के अन्य सहयोगियों की तलाश कर रही है।