पटना। बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक का सदन में विरोध जारी रहा। मंगलवार को विपक्ष ने विधेयक का जमकर विरोध किया और सदन में जबरदस्त हंगामा हुआ। विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक 2021 के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहीं महिला विधायक विधानसभा अध्यक्ष के आसन के पास पहुंच गईं। हंगामा देखते हुए महिला पुलिस बुलाकर विधायकों को बाहर किया गया। स्थिति संभालने के लिए सादे लिबास में पुलिस कर्मियों को विधानसभा के अंदर तैनात किया गया है।
इससे पहले, बिहार विधानसभा में 4:30 बजे के बाद सदन की कार्यवाही होनी थी लेकिन उससे पहले आरजेडी समेत तमाम विपक्ष के विधायक विधानसभा अध्यक्ष के गेट पर बैठ गए। अध्यक्ष को बंधक बना लिया जिसके बाद अतिरिक्त पुलिस बल को बुलाया गया। पुलिस अध्यक्ष के गेट पर बैठे विधायकों को हटाने के लिए बारी-बारी से सब को बाहर किया।
इस दौरान सड़क पर गिरे विधायक सत्येंद्र ने आरोप लगाया कि डीएम के कहने पर उनके साथ मारपीट की गई। छाती पर बूट रख कर मारा गया है। विधायक ने दावा किया कि उनके छाती पर चोट लगी है। उन्होंने कहा कि ये ज्यादती नहीं, लोकतंत्र की हत्या है। विधायक ने कहा कि महिला विधायकों को मारा गया है। महिला सशक्तिकरण का ढोंग रचने वाली सरकार है। आरोप लगाया कि पुलिस ने कई विधायकों को जमकर पीटा। घसीट घसीट कर विधायकों को सदन के बाहर किया गया है। बाद में जख्मी विधायक को एंबुलेस से अस्पताल भेजा गया।
इधर, पटना में मंगलवार को राष्ट्रीय जनता दल ने विभिन्न मुद्दों को लेकर विधानसभा का घेराव किया। इस दौरान आरजेडी कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प हो गई। इसके बाद RJD कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया। इस दौरान जबकर पत्थरबाजी भी हुई है, जिसमें पुलिस समेत कई मीडियाकर्मियों को भी चोटें आई हैं। बवाल बढ़ने पर पुलिस ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और उनके बड़े भाई तेज प्रताप यादव को हिरासत में ले लिया।
दरअसल, बिहार में बढ़ते अपराध और बेरोजगारी के मुद्दे को लेकर राजद ने बिहार विधानसभा का घेराव करने का फैसला लिया था। इसके लिए तेजस्वी यादव और आरजेडी के कार्यकर्ता पटना के जेपी गोलंबर पर पहुंचे थे। यहां से विधानसभा जाने की तैयारी थी। हालांकि, जिला प्रशासन की ओर से इजाजत नहीं मिली। इसके बाद राजद कार्यकर्ताओं ने हुडिंग शरू कर दी। इसके बाद पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा।