नई दिल्ली। केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि केंद्र ने देश के प्रत्येक जिले में एक सहकारी बैंक और एक दूध उत्पादक संघ बनाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि अगले पांच वर्षों में ऐसी दो लाख पंचायतों में बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि ऋण समितियां (पीएसीएस या पैक्स) भी स्थापित की जाएंगी, जहां कोई सहकारी संस्था नहीं है। शाह ने 102वें अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस के अवसर पर आयोजित ‘सहकार से समृद्धि’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नैनो-यूरिया और नैनो-डीएपी पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी की घोषणा करने के लिए गुजरात सरकार को धन्यवाद दिया।
दो लाख पंचायतों में कोई सहकारी संस्था नहीं
उन्होंने कहा कि सहकारी क्षेत्र ग्रामीण और कृषि अर्थव्यवस्था में बहुत महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है, और उन्होंने सहकारी संस्थाओं के बीच सहयोग बढ़ाने का आग्रह किया। शाह ने कहा, ‘‘केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। सरकार ने लक्ष्य रखा है कि देश में ऐसा कोई राज्य या जिला न हो, जहां जिला सहकारी बैंक और जिला दुग्ध उत्पादक संघ न हो। आज भी देश में दो लाख पंचायतें ऐसी हैं, जहां कोई सहकारी संस्था नहीं है। अगले पांच साल में हम इन दो लाख पंचायतों में बहुउद्देशीय पैक्स बनाने का काम करेंगे।’’
राष्ट्रीय सहकारिता नीति आएगी
उन्होंने कहा कि केंद्र जल्द ही राष्ट्रीय सहकारिता नीति लाएगा। उन्होंने कहा कि देश में 1,100 नए किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) बनाए गए हैं और एक लाख से अधिक पैक्स ने नए उपनियमों को स्वीकार कर लिया है। शाह ने कहा कि राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) 2,000 करोड़ रुपये के बॉन्ड जारी करने से अधिक सहकारी संस्थाओं के कल्याण के लिए काम कर सकेगा। उन्होंने राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) और राज्य सहकारी बैंकों से पैक्स और अन्य सहकारी संस्थाओं के लिए जिला या राज्य सहकारी बैंकों में अपने खाते खोलने की व्यवस्था करने का आग्रह किया, जिससे सहकारी क्षेत्र मजबूत होगा। शाह ने कहा कि जैविक उत्पादों को बढ़ावा देने और जैविक खेती करने वाले किसानों को उचित मूल्य सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय सहकारी जैविक लिमिटेड (एनसीओएल) की स्थापना की है।
जैविक उत्पाद को बढ़ावा दिया जाएगा
शाह ने कहा, ‘‘आज एनसीओएल द्वारा भारत जैविक आटा भी पेश किया गया है। अमूल ने भी दिल्ली में जैविक उत्पादों की एक दुकान शुरू की है। भारत जैविक और अमूल दोनों विश्वसनीय और 100 प्रतिशत जैविक ब्रांड हैं। जैविक उत्पादों पर भारत ब्रांड की मुहर, दुनिया की सबसे आधुनिक तकनीक का उपयोग करके परीक्षण करने के बाद ही लगाई जाती है।’’ केंद्रीय मंत्री ने घोषणा की कि भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नेफेड) और उपभोक्ता सहकारी संस्थाएं भी 100 प्रतिशत एमएसपी पर चार प्रकार की दालें खरीदेंगी।