नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी के बीच सरकार लगातार इस कोशिश में है कि स्कूल कॉलेजों को खोला जाए। इसके लिए लगातार योजनाएं बनाई जा रही हैं। इसी कड़ी में सरकार ने अनलॉक-3 की घोषणा की जिसके तहत लोगों को कुछ छूट दी गई है। इससे पहले हाल ही में छात्रों ने यूजीसी द्वारा गाइडलाइन जारी किए जाने के बाद फाईनल ईयर की परीक्षा करवाए जाने का विरोध किया था। उनका कहना था कि इससे छात्रों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंच सकता है।
केंद्र सरकार ने लिया ये फैसला
अब अनलॉक-3 में गृह मंत्रालय ने तीसरे फेज़ में कई ऐक्टिविटी से रोक हटा ली है लेकिन स्कूलों को अभी भी बंद ही रखने का फैसला किया गया है। सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन्स के मुताबिक सभी स्कूल, कॉलेज, कोचिंग सेंटर्स और शैक्षणिक संस्थान देश में 31 अगस्त तक बंद रखे जाएंगे। गृह मंत्रालय के मुताबिक यह फैसला अलग-अलग राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों से सलाह करके लिया गया है। देश में कोविड-19 के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और स्कूल-कॉलेज खोले जाने के मामले में फैसला पूरी तरह से असेसमेंट करके ही लिया जाएगा।
सारी ऐक्टिविटी ऑनलाइन की जा रही है
हालांकि, ज्यादातर राज्यों और सीबीएसई व आईसीएसई बोर्ड के रिजल्ट घोषित किए जा चुके हैं। अलग अलग क्लासेज के लिए एडमिशन भी किया जा रहा है, लेकिन ये सब ऑनलाइन हो रहा है। एक्सपर्ट्स का भी यही कहना है कि अभी स्कूल-कॉलेज खोलना ठीक नहीं होगा क्योंकि छात्रों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंच सकता है।
कुछ एक्सपर्ट्स स्कूल खोले जाने के पक्ष में हैं
हालांकि, स्कूलों को खोले जाने को लेकर अलग-अलग विचार हैं। कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि स्कूल कॉलेजों को खोल देना चाहिए। हाल ही में एम्स के कुछ डॉक्टरों की भी राय यही थी कि स्कूलों को खोल देना चाहिए इससे हर्ड इम्यूनिटी विकसित हो जाएगी। उनका मानना था कि कोविड-19 का वैक्सीन कब तक बनेगा इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता। यूरोपियन देशों में भी धीरे-धीरे स्कूलों को खोले जाने का काम शुरू कर दिया गया है।
हालांकि, इस बात को भी नहीं भूलना चाहिए कि भारत में स्कूलों का साइज यूरोपियन स्कूलों की तुलना में छोटा है जिससे खासकर गांवों में। इसलिए स्कूलों को खोलने से मुश्किलें और भी बढ़ सकती हैं।