कोरोना के इस दौर में जरा सी लापरवाही भारी पड़ सकती है और एक बड़े अस्पताल से लापरवाही की उम्मीद तो बिल्कुल नहीं की जा सकती। लेकिन, करनाल के कल्पना चावला मेडिकल हॉस्पिटल ने जो लापरवाही की है, उससे कई लोगों पर कोरोना संक्रमण का ख़तरा मंडरा रहा है।
दरअसल, 84 साल के बुजुर्ग की हार्ट अटैक से मौत हो गई। परिजनों को शव सौंपने से पहले कोरोना टेस्ट भी कराया गया और रिपोर्ट नेगेटिव बताकर अस्पताल प्रबंधन ने शव परिजनों को सौंप भी दिया।
लेकिन श्मशान घाट में अंतिम संस्कार होने ही वाला था कि अचानक पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची। जब ये बताया कि बुजुर्ग की कोरोना रिपोर्ट पॉज़िटिव थी। इसके बाद तो परिजनों के भी होश उड़ गए।
श्मशान घाट से बुजुर्ग के शव को वापस एंबुलेंस से वहां ले जाया जाता है, जहां कोरोना से मरने वाले मरीजों का अंतिम संस्कार होता है।
मेडिकल स्टाफ की एक लापरवाही से कई लोग कोरोना की चपेट में आ सकते हैं। सवाल है कि ऐसे लापरवाह कर्मचारियों पर क्या कार्रवाई होनी चाहिए, जो पॉज़िटिव और नेगेटिव का गेम खेल रहे हैं।