24 मार्च से चल रहे लॉकडाउन ने देश की जनता को बड़े पैमाने पर संक्रमित होने से बचाया है, लेकिन अभी लॉकडाउन से मुक्ति मिलने के कोई संकेत नहीं दिखाई दे रहे हैं। विदेश मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय, गृह मंत्रालय के अफसर अभी इसके बारे में कुछ भी बता पाने की स्थिति में नहीं है।
राजस्थान, पंजाब, महाराष्ट्र सरकार के अफसरों का भी मानना है कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई अभी लंबी चलेगी। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्रेसवार्ता के दौरान विशेषज्ञों के हवाले से आशंका जाहिर की थी। राम मनोहर लोहिया अस्पताल के एक वरिष्ठ चिकित्सक ने कैप्टन अमरिंदर सिंह के अनुमान को करीब-करीब सही बताया है।
तीसरे चरण के काफी करीब है कोविड-19
जयपुर स्वास्थ्य निदेशालय के सूत्र का कहना है कि हमें केंद्र सरकार की भेजी गई रैपिड टेस्टिंग किट पर काफी भरोसा था। इसे भारत सरकार ने चीन से मंगाया था, लेकिन किट के गलत नतीजों ने एक बार फिर उलझा दिया है।
अभी स्थिति यह है कि जब तक आईसीएमआर स्थिति स्पष्ट नहीं करता, कोविड-19 की जांच प्रक्रिया रूकी रहेगी। बताते हैं इसकी जांच में संसाधनों की कमी लगातार आड़े आ रही है। केंद्र सरकार के जारी आंकड़ों के अनुसार देश में कोविड-19 से संक्रमण की संभावना वाले लोगों की संख्या भी 19984 है।
इसमें 3870 लोगों ठीक हो चुके हैं और 640 लोगों की संक्रमण से मृत्यु हो चुकी है। इनमें महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, तमिलनाडु, राजस्थान में लगातार मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
यह आंकड़ा मंगलवार का है, लेकिन दिल्ली के चिकित्सकों का कहना है कि अब संख्या 20 हजार के ऊपर जा रही है। कोविड-19 की निगरानी कर रहे केंद्र सरकार के सूत्रों की माने तो इस समय देश में 21 हजार से अधिक संक्रमित हो चुके हैं। संक्रमण से मरने वालों की संख्या 652 पार कर गई है।
मई में थोड़ी बहुत ढील के साथ बढ़ेगा लॉकडाउन
एसजीपीजीआई (संजय गांधी), लखनऊ के कोविड-19 सेल के चिकित्सक का अनुमान है कि मई में थोड़ी बहुत ढील के साथ लॉकडाउन जारी रहने के आसार हैं। महाराष्ट्र सरकार से भी इसी तरह की सूचना मिल रही है। भोपाल और इंदौर में कोविड-19 का संक्रमण फैल रहा है।
इंदौर की स्थिति लगातार गंभीर हो रही है। इस बारे में भोपाल के डीएम तरुण कुमार पथोड़े का कहना है कि सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। लॉकडाउन का सख्ताई से पालन कराया जा रहा है और जल्द ही हालात काबू में आने के आसार हैं। लेकिन इंदौर में अभी स्थिति साफ नहीं है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की टीम इसके बाबत केंद्र सरकार की दिशा निर्देशों के अनुरुप बड़े पैमाने पर स्क्रीनिंग की तैयारी कर रही है। महाराष्ट्र, राजस्थान, पंजाब और मध्य प्रदेश से मिल रही रिपोर्ट के अनुसार तीन मई के बाद भी लॉकडाऊन बढ़ेगा।
केंद्र सरकार है शांत, टाली प्रेसवार्ता!
केंद्र सरकार ने बुधवार को कोविड-19 से जुड़ी दैनिक प्रेस वार्ता को टाल दिया। आईसीएमआर के डा. रमन गंगाखेड़कर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल, निदेशक रवींद्रन, आईसीएमआर के प्रमुख डा. बलराम भार्गव इस मुद्दे पर फिलहाल शांत हैं।
नीति आयोग के सदस्य डा. विनोद के पॉल की अध्यक्षता में बनी टीम बुधवार 22 अप्रैल को रणनीति की समीक्षा कर रही है। डा. पॉल के ऑफिस से मिली जानकारी के अनुसार डा. पॉल का दिनचर्या काफी व्यस्त है। माना जा रहा है कि केन्द्र सरकार रैपिड टेस्टिंग किट या कोविड-19 की आगे की जांच प्रक्रिया को तेज करने के लिए उच्चस्तर पर रणनीति बनाने में व्यस्त है।
लॉकडाउन के 30 दिन बाद क्या खोया, क्या पाया
24 मार्च से 22 अप्रैल के इन 30 दिनों की समीक्षा करने पर डा. प्रो. राम कहते हैं कि जिस तरह से चिकित्सा संसाधनों का अभाव था, देश में कोविड-19 का संक्रमण अभी बहुत फैल नहीं पाया है, यही गनीमत है।
यह लॉकडाउन दस दिन और रहने वाला है, लेकिन अभी भी कोविड-19 के संक्रमितों की जांच, स्क्रीनिंग रफ्तार नहीं पकड़ पाई है। इसलिए यह चिंता की बात है कि आखिर कब तक देश को लॉकडाउन रखा जा सकेगा।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के एक चिकित्सक का कहना है कि लाउकडाउन के सिवा कोई चारा नहीं था। लेकिन जिस उद्देश्य से लॉकडाउन हुआ था, उसे झटका लगा है। अभी यह स्थिति नहीं दिखाई दे रही है कि 3 मई के बाद केंद्र सरकार अचानक लॉकडाउन हटाने का फैसला लेगी।
Source – Amar Ujala