नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट से आबकारी नीति घोटाले मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत मिल गई। शुक्रवार को केजरीवाल तिहाड़ जेल से बाहर आ गए। शनिवार को केजरीवाल ने पत्नी संग हनुमान मंदिर पहुंचकर पूजा अर्चना की और बजरंगबली का आशीर्वाद लिया। जिसके बाद आज केजरीवाल आप कार्यालय पहुंचे हैं। यहां सीएम आप कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। इस दौरान केजरीवाल ने बड़ा एलान करते हुए कहा कि वे दो दिन बाद सीएम पद से इस्तीफा देंगे।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि भगवान का हम सभी के ऊपर बहुत आशीर्वाद रहता है। इसी वजह से हम लोग बड़ी-बड़ी मुसीबतों से लड़कर और जीतकर आते हैं। इसके साथ मैं उन लाखों लोगों का शुक्रिया अदा करता हूं, जिन्होंने हमारे साथियों के लिए दुआएं की। भाजपा पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि ये लोग जेल भेजकर आम आदमी पार्टी को तोड़ना चाहते थे। जेल में रहकर मेरा हौसला बढ़ा है। जेल से एलजी को पत्र लिखा। एलजी को पत्र लिखने पर मुझे धमकी दी गई। परिवार की मुलाकात रोकने की धमकी दी गई।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘मैं दो दिन बाद सीएम पद से इस्तीफा देने जा रहा हूं। जब तक जनता अपना फैसला नहीं सुना देती, मैं सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा।’ उन्होंने कहा कि मैं और मनीष सिसोदिया जनता के बीच जाएंगे। दिल्ली विधानसभा भंग नहीं होगी। मेरी जगह कोई और सीएम होगा।
अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘इन्होंने(भाजपा) एक और नया फॉर्मूला बनाया है जहां जहां ये चुनाव हारे वहां-वहां के मुख्यमंत्री पर फर्जी केस करके गिरफ्तार कर लो और उसकी सरकार गिरा दो। इन्होंने सिद्धारमैया, पिनाराई विजयन, ममता दीदी पर केस कर रखें हैं। ये एक विपक्ष के मुख्यमंत्री को नहीं छोड़ते सभी पर फर्जी केस करके जेल में डालते हैं और सरकार गिरा देते हैं।’
सीएम ने कहा कि मैं देश के सारे गैर भाजपा मुख्यमंत्रियों से हाथ जोड़ कर विनती करना चाहता हूं अब अगर प्रधानमंत्री फर्जी केस करके आपको जेल में डालें तो इस्तीफा मत देना। किसी हालत में इस्तीफा मत देना, जेल से सरकार चलाना। ऐसा नहीं है कि हम पद के लालची हैं इसलिए क्योंकि हमारे लिए हमारा संविधान जरूरी है जनतंत्र को बचाना जरूरी है। इतनी भारी बहुमत से चुनी सरकार को आप जेल में डालकर कहोगे इस्तीफा दे।
अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘कुछ लोग कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाई गई पाबंदियों के कारण हम काम नहीं कर पाएंगे। यहां तक कि उन्होंने भी हम पर पाबंदियां लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। अगर आपको लगता है कि मैं ईमानदार हूं, तो मुझे बड़ी संख्या में वोट दें। मैं चुने जाने के बाद ही मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठूंगा। चुनाव फरवरी में होने हैं। मैं मांग करता हूं कि नवंबर में महाराष्ट्र चुनावों के साथ चुनाव कराए जाएं। चुनाव होने तक पार्टी से कोई और मुख्यमंत्री होगा। अगले 2-3 दिनों में विधायकों की बैठक होगी, जिसमें अगले मुख्यमंत्री पर फैसला होगा।’
इधर केजरीवाल के इस्तीफा को लेकर छत्तीसगढ़ के रायपुर लोकसभा सीट से सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस्तीफा देने का निर्णय इस बात को साबित करता है कि वो भ्रष्टाचार के आखंट में डूबे हुए है, और उनको ये बात मालूम है, कि देश की जनता किसी दागी व्यक्ति को मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार नहीं करेगी। इसलिए आने वाले हरियाणा के चुनाव है, उसमे भी जनता उनको सबक सिखाएगी। इसलिए देश की जनता को गुमराह करने के लिए 100 दिन से ज्यादा जेल में रहने के बाद भी उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया। अब सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट, लोअर कोर्ट में जो शराब घोटाले का मामला चल रहा है। उसके भय से वो इस्तीफा देने के लिए मजबूर हो रहे है। भारतीय जनता तो इस बात को पहले दिन से कहती रही है। केजरीवाल को एक मिनट भी मुख्यमंत्री बने रहने का अधिकार नहीं है। जेल में जाने के बाद उनको इस्तीफा दे देना चाहिए। अंततः भारतीय जनता पार्टी जो लगातार देश की जनता को कहती रही है, उसको मानने के लिए केजरीवाल को बाध्य होना पड़ा है।