हरियाणा में रविवार को आंदोलनरत तीन किसानों की मौत हो गई है। इनमें से एक किसान कुंडली बॉर्डर पर अपनी ट्रैक्टर-ट्राली में मृत मिला। वहीं टीकरी बॉर्डर पर बुजुर्ग किसान की दिल का दौरा पड़ने से मौत गई है। तीसरे किसान ने टीकरी बॉर्डर पर फांसी लगा जान दे दी।
बहादुरगढ़ में एक किसान ने कसार के निकट सर्विस रोड के पास पेड़ से फंदा लगाकर जान दी है। मृतक किसान की पहचान हरियाणा के हिसार जिले के सिसाय गांव के रहने वाले राजबीर (47) के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि किसान राजबीर काफी दिनों से किसान आंदोलन में लंगर सेवा में जुटा था। मरने से पहले किसान ने दो पेज का एक सुसाइड नोट भी लिखा। राजबीर का अंतिम संस्कार सिसाय में किया गया। किसान अपनी पत्नी सरस्वती, 22 वर्षीय बेटा मनजीत व 24 वर्षीय बेटी पिंकी को पीछे छोड़ गया है।
सरकार मेरी हाथ जोड़कर विनती है कि मरने वाले कि आखिरी इच्छा पूरी की जाती है तो मेरी आखिरी इच्छा ये है कि तीनों कृषि कानून सरकार वापस ले और किसानों को खुशी-खुशी घर भेज दो। मोदी जी थाम न्यू सोचो सो किसान में घणा दम है। खाद, दवाई, डीजल ने मारा अंदर ते तो खत्म है। बलराज कुंडू और भाई दीपेंद्र हुड्डा भी किसान भाइयों के हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। मैं इनका बड़ा फैन हूं भाइयों। एमएसपी की गारंटी और तीनों कृषि कानून वापस करा के घर जाइयो भाइयों। सारे भाइयों को राम-राम कोई गलती हुई हो तो माफ करना आपका भाई राजबीर।
भगत सिंह ने देश के लिए जान दे दी। हमने अपने किसान भाइयों के लिए जान दे दी है। मेरे जमींदार और किसान भाइयों मेरा ये बलिदान व्यर्थ ना जाए। तीनों काले कानून वापस करके ही घर जाए। चाहे मेरी लाश रोड़ पर रख दियो पर तीनों काले कानून वापस और एमएसपी की गारंटी लेकर घर जाइयो। ये सरकार खून मांगती है किसानों का, खून में देता हूं। सबसे पहले सिसाय वाले भाइयों से मेरी अपील है कि अपना हक लेके जाए सारे भाइयों को राम-राम।
बता दें कि टीकरी बॉर्डर पर अब तक चार किसान खुदकुशी कर चुके हैं। वहीं टीकरी बॉर्डर पर दिल का दौरा पड़ने से जान गंवाने वाले बुजुर्ग किसान की पहचान जनक सिंह (70) के रूप में हुई है। वह पंजाब के सुनाम के गांव गडूआं के रहने वाले थे।
उधर, कुंडली बॉर्डर पर करनाल के किसान रविंद्र की मौत हो गई है। 30 वर्षीय रविंद्र सिंह असंध के ठरी गांव के रहने वाले थे। वह अपने ट्राली में मृत मिले। पुलिस मौके पर पहुंचकर जांच में जुटी है।