चंडीगढ़। बीजेपी की पहली लिस्ट आने के बाद से टिकट न पाने वाले नेताओं के इस्तीफे का दौर जारी है। ताजा मामला जींद जिले से आया। टिकट न मिलने से नाराज पूर्व मंत्री बचन सिंह आर्य ने बीजेपी छोड़ दी है। बचन सिंह आर्य जींद के सफीदों से टिकट मांग रहे थे। बीजेपी ने यहां से जेजेपी के बागी विधायक रामकुमार गौतम को उम्मीदवार बनाया है।
जेजेपी के बागी विधायक को टिकट मिलने से थे नाराज
जानकारी के अनुसार, जेजेपी के बागी विधायक रामकुमार गौतम को सफीदों से टिकट मिलने से नाराज होकर बचन सिंह आर्य ने चार लाइन में इस्तीफा लिखकर प्राइमरी मेंबरशिप भी छोड़ने का ऐलान कर दिया है। इससे दो दिन पहले उन्होंने चार लाइन की कुछ पंक्तियां भी लिखी थी।
लगा दो आग पानी में….
शरारत हो तो ऐसी हो….
मिटा दो हस्ती जुल्मों की….
बगावत हो तो ऐसे हो।
रणजीत सिंह चौटाला ने भी बीजेपी छोड़ी
इससे पहले सिरसा जिले के रानिया से विधायक रहे रणजीत सिंह चौटाला ने भी सैनी मंत्रीमंडल से इस्तीफा दे दिया था। रणजीत सिंह चौटाला मनोहर लाल खट्टर और नायब सिंह सैनी दोनों की सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। बीजेपी ने उन्हें लोकसभा चुनाव में हिसार से टिकट दिया था लेकिन वह हार गए थे। वह रानिया से टिकट चाह रहे थे लेकिन बीजेपी ने उन्हें टिकट नहीं दिया तो वह पार्टी से इस्तीफा देकर निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया था।
गुरुग्राम के भाजपा नेता जीएल शर्मा ने टिकट नहीं मिलने पर पार्टी छोड़ी
गुड़गांव विधानसभा क्षेत्र से टिकट नहीं मिलने से नाराज भाजपा नेता जी.एल.शर्मा ने शुक्रवार को अपने समर्थकों के साथ पार्टी से इस्तीफा दे दिया। सूत्रों ने बताया कि शर्मा कांग्रेस में शामिल होंगे। इससे पहले टिकट के दावेदार भाजपा नेता नवीन गोयल ने भी अपने समर्थकों के साथ इस्तीफा दे दिया था। बादशाहपुर विधानसभा क्षेत्र से राव नरबीर सिंह को टिकट दिए जाने के विरोध में भाजपा कार्यकर्ताओं ने विरोध मार्च भी निकाला। उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ने की घोषणा की। गोयल के साथ 100 से अधिक पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने भी पार्टी छोड़ दी थी।
कई नेताओं ने की बगावत
बता दें कि हरियाणा में पांच अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा द्वारा 67 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी किए जाने के बाद से पार्टी को बगावत का सामना करना पड़ रहा है। टिकट नहीं मिलने से नाराज विधायक लक्ष्मण दास नापा ने पार्टी छोड़ दी। वहीं पूर्व मंत्री कर्ण देव काम्बोज ने भी पार्टी द्वारा उनकी उम्मीदवारी को नजरअंदाज किए जाने के बाद प्रदेश भाजपा के ओबीसी मोर्चा के प्रमुख पद से इस्तीफा दे दिया।