आलप्पुझा। केरल के आलप्पुझा जिले से सामने आए एक मौत के भयावह मामले ने हड़कंप मचा दिया है। दूषित पानी में रहने वाले अमीबा ने एक लड़के की जान ले ली। यह अमीबा दिमाग में संक्रमण पैदा कर देता है। मतलब दिमाग को खा जाता है। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज के मुताबिक, आलप्पुझा जिले के पास के पनावल्ली में रहने वाला 15 साल का लड़का प्राइमरी अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस नामक बीमारी से संक्रमित था।
लड़के की मौत की पुष्टि करते हुए मंत्री ने कहा कि राज्य में पहले भी इस दुर्लभ संक्रमण के पांच मामले सामने आए थे। सबसे पहले ऐसा मामला साल 2016 में आलप्पुझा के तिरुमाला वार्ड में सामने आया था। फिर साल 2019 और 2020 में मलप्पुरम में दो-दो मामलों की पुष्टि हुई और वर्ष 2020 और 22 में कोझिकोड और त्रिशूर में भी एक-एक मामला मिला। जॉर्ज ने बताया कि सभी संक्रमित मरीजों की मृत्यु हो गई थी। उन्होंने कहा कि दुर्लभ मस्तिष्क संक्रमण से मृत्यु दर 100 प्रतिशत थी।
मंत्री ने यह भी बताया कि ठहरे हुए पानी में पाए जाने वाले मुक्त जीवित अमीबा इस संक्रमण का कारण बनते हैं। डॉक्टरों के अनुसार, मानव मस्तिष्क तब संक्रमित हो जाता है जब मुक्त-जीवित, गैर-परजीवी अमीबा बैक्टीरिया नाक के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है।
उधर, बीमारी की गंभीर प्रकृति को देखते हुए जिला स्वास्थ्य अधिकारियों ने लोगों को दूषित पानी से नहाने से बचने की सलाह दी है। इस बीमारी के मुख्य लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, उल्टी और दौरा पड़ना शामिल है।
यह अमीबा इतना खतरनाक होता है कि दिमाग के सेल्स को खा जाता है और मस्तिष्क में संक्रमण फैला देता है। परिणामस्वरूप इंसान की मौत तक हो जाती है। Naegleria Fowleri नाम का यह अमीबा इतना छोटा होता है कि इसे सूक्ष्मदर्शी के बिना नहीं देखा जा सकता है, लेकिन ये छोटा से जीव भी इंसान की जान लेने में सक्षम है।