
भोपाल। मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री मोहन यादव की सरकार ने राज्य में 19 धार्मिक जगहों पर पूर्ण शराबबंदी का फैसला किया है। ये फैसला आज 1 अप्रैल की तारीख से लागू हो जाएगा और 19 जगहों पर शराब की दुकानें बंद हो जाएंगी। सीएम मोहन यादव ने बताया कि कैबिनेट मीटिंग के दौरान, हमने तय किया कि धार्मिक शहरों में शराब पर पूर्ण प्रतिबंध होना चाहिए। मध्य प्रदेश सरकार के इस फैसले को नशामुक्ति की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया जा रहा है। अब संतों ने भी सीएम मोहन यादव के इस फैसले का स्वागत किया है।
इन जगहों पर शराब की दुकानें बंद
आज 1 अप्रैल 2025 की तारीख से मध्य प्रदेश के उज्जैन, ओंकारेश्वर, महेश्वर, मण्डलेश्वर, ओरछा, मैहर, चित्रकूट, दतिया, पन्ना, मण्डला, मुलताई, मंदसौर और अमरकंटक की सम्पूर्ण नगरीय सीमा में एवं सलकनपुर, कुण्डलपुर, बांदकपुर, बरमानकलां, बरमानखुर्द और लिंगा की ग्राम पंचायत सीमा में सभी शराब की दुकानों और बार को बंद किया जाएगा।
यह स्वागत योग्य फैसला- महंत राम हृदय दास
मध्य प्रदेश के 19 धार्मिक स्थलों पर शराबबंदी के राज्य सरकार के फैसले पर रामायणी कुटी आश्रम के महंत राम हृदय दास ने कहा- “यह स्वागत योग्य फैसला है। मध्य प्रदेश सरकार को हमारा सलाम। लेकिन यह फैसला पहले ही ले लिया जाना चाहिए था। यह बहुत अच्छा फैसला है। हमें उम्मीद है कि सरकार के फैसले का सही तरीके से क्रियान्वयन होगा।”
सही समय पर सही फैसला- पद्मश्री बीके जैन
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा 19 धार्मिक स्थलों पर शराबबंदी के फैसले पर पद्मश्री बीके जैन ने कहा- “मैं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को इस फैसले के लिए धन्यवाद देता हूं। यह सही समय पर लिया गया सही फैसला है। इससे भविष्य में अच्छे परिणाम सामने आएंगे, लेकिन यह सिर्फ सरकार की जिम्मेदारी नहीं है। इसके लिए जनता से लेकर हर किसी को काम करना होगा, तभी यह शराबबंदी सफल होगी। मेरा सुझाव है कि जिस तरह से मध्य प्रदेश सरकार ने चित्रकूट के लिए यह फैसला किया है, वैसे ही उत्तर प्रदेश सरकार को भी चित्रकूट के लिए ऐसा करना चाहिए। तभी शराबबंदी वास्तव में संभव हो पाएगी।”
यह बहुत पहले ही होना चाहिए था- महामंडलेश्वर शांति स्वरूपानंद जी महाराज
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा 19 धार्मिक स्थलों पर शराबबंदी के फैसले पर महामंडलेश्वर शांति स्वरूपानंद जी महाराज ने कहा- “उज्जैन सप्तपुरियों में से एक अवंतिका है। 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा महाकाल यहीं विराजमान हैं। यहां हर 12 साल में सिंहस्थ महाकुंभ का आयोजन होता है और दुनियाभर से लोग यहां आते हैं। मैंने पहले भी कहा था कि उज्जैन को पवित्र तीर्थ घोषित किया जाना चाहिए, यानी शराब और मांस की दुकानों पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। अब जब पहला कदम उठाया गया है और शराब पर प्रतिबंध लगाया गया है, तो यह सीएम मोहन यादव का स्वागत योग्य कदम है। यह बहुत पहले ही हो जाना चाहिए था। अगला कदम उज्जैन को पवित्र तीर्थ घोषित करना चाहिए और शराब और मांस की दुकानों पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।”