फटाफट डेस्क : उड़ीसा – गरीबी इंसान को कुछ भी करा देता है। और वह गरीब ही होता है जो हर परिस्थिति का सामना करने की हिम्मत रखता है। क्योंकि उसका पूरा जीवन संघर्ष में ही बीतता है।इसी तरह एक बुजुर्ग महिला और पुरुष की फोटो सामने आई है जिसमें
61 साल के एक बुजर्ग अपनी पत्नी के इलाज के लिए 90 किलोमीटर ट्रॉली-रिक्शा चलाकर अस्पताल ले जा रहे हैं।क्योंकि उनके पास कोई मोबाइल नहीं था, जिससे वो फोन करके सरकारी एम्बुलेंस बुला पाते. और न इतने पैसे थे, कि वो कोई ऑटो कर पाते.
मामला ओडिशा के पुरी जिले का है. यहां के रहने वाले कबीर भुईन ने तीन पहिया ट्रॉली रिक्शा किराए पर लिया था. पत्नी सुकांति को लेकर वो 14 घंटे से ज्यादा का सफर तय करके साक्षीगोपाल से कटक गए. स्थानीय लोगों की मदद से पत्नी को SCB मेडिकल अस्पताल में शनिवार, 10 अक्टूबर को भर्ती करवाया गया. और जब अस्पताल को पूरे वाकये की जानकारी हुई, तो उन्होंने फौरन सुकांति का इलाज किया.
जानकारी के मुताबिक कबीर की पत्नी सुकांति का दो हफ्ते पहले पुरी के स्थानीय जिला अस्पताल में इलाज चल रहा था. पर उनकी जब स्थिति बिगड़ने लगी, तो डॉक्टर ने उन्हें SCB मेडिकल कॉलेज ले जाने की सलाह दी. बता दें कि पुरी के जिला अस्पताल ने न तो आधिकारिक तौर पर सुकांति को कटक रेफर किया और न ही कटक जाने के लिए एम्बुलेंस की व्यवस्था की।
सुकांति को पेट में दर्द और उल्टी की समस्या थी. उसी के इलाज के लिए कबीर एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल भटकते रहे।अब एंबुलेंस या कोई दूसरा वाहन करने के लिए कबीर के पास रुपये नहीं थे. इसलिए उन्होंने रिक्शा किराए पर लिया, जिसकी कीमत कम थी। और 14 घंटे रिक्से में सफर किया।
इस पूरे मामले के बारे में जब मेडिकल अस्पताल के डॉक्टर्स को पता चला, तो उन्होंने बिना देरी किए उन्हें एडमिट किया. मीडिया से बात करते हुए कबीर ने बताया,
मैंने अपनी पत्नी के लिए एक ऑटो-रिक्शा लाने की पूरी कोशिश की. क्योंकि कटक के अस्पताल से साक्षीगोपाल काफी दूर है. ऑटो ने कटक छोड़ने के लिए लगभग 1500 रुपये मांगे थे. पर मैं उतना दे नहीं सकता था. इसलिए मैं प्रति दिन 50 रुपये के हिसाब से एक ट्रॉली रिक्शा किराए पर लिया और उससे अपनी पत्नी को अस्पताल लाया.
कबीर ने बताया कि लॉकडाउन से पहले वो 200 रुपये कमाते थे. पर अब उनकी आय कम हो गई है कोरोना की वजह से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है तो वह गरीबों और मजदूरों का है जो किसी भी तरह अपना जीवन यापन करते थे।
इसी तरह ना जाने कितनी गरीब इसी तरह अपना जीवन यापन करने को मजबूर होंगे। फिलहाल SCB के डॉक्टर्स का कहना है कि सुकांति की कई जांच की गई हैं, उन्हें जल्द ही कैजुअल्टी वॉर्ड में शिफ्ट किया जाएगा।